महाराष्ट्र में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में सीएम ठाकरे ने सीधे तौर पर इस बात का ऐलान किया है कि महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से नेताओं की बैठक में बोले उद्धव, सख्त लॉकडाउन की जरूरत है. सीएम ठाकरे ने वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सख्त लॉकडाउन नहीं लगाया गया तो 15 अप्रैल तक स्थितियां बेहद खराब हो सकती हैं.
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवींस ने राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन का विरोध करते हुए कहा कि सरकार अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी जल्द पूरा करें , बेड उपलब्ध करें, आरोग्य सेवा बढ़ाई जाएं, निर्बंध लगाओ, लेकिन जनता और व्यापारियो की भावना का ध्यान रखा जाए. जनता के बारे में सोचें पिछला साल लोगो का खराब हुआ है, अब तक लोग बिजली का बिल तक नही भर पाये हैं, लोग कैसे जियेंगे , व्यपारी खत्म हो रहे है. पिछले साल का बिल लोगो को भरने लगाया गया , लोगों को आर्थिक पैकेज देना चाहिए. अगर राज्य का कर्जा बढ़ता है तो बढ़ने दो , लेकिन लोगो के लिए राहत पैकेज दे , अगर लॉक डाउन हुआ तो लोगो का गुस्सा फूट जाएगा.
वहीं राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने कहा है कि हम सरकार का इस मुश्किल परिस्थिति में पूरा सहयोग करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए अगर कड़े निर्णय लेने पड़ेंगे तो उसे स्वीकार करना ही पड़ेगा. सरकार सख्त फैसला लेगी तभी हम कोरोना की चेन को तोड़ पाएंगे. राज्य में वैक्सीन की कमी है. उन्होंने आगे कहा कि जो सबसे अच्छा उपाय है सरकार वही फैसला लें.
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने अपनी राय देते हुए कहा कि, अब कड़वा फैसला लेने का समय आ गया है. लोगों की जान बचाने के लिए सरकार ये फैसला ले ये बहुत ही चुनौतीपूर्ण वक्त है. लॉकडाउन किया जाए लेकिन गरीबों का भी विचार होना चाहिए. कोई बीच का रास्ता निकाला जाए, लॉकडाउन के बीच का रास्ता निकाला जाए. वहीं आपको बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए. जानकारी के मुताबिक वो मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती हैं जहां उनके हाथ का ऑपरेशन होना है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने अपनी राय देते हुए कहा कि, 50 हजार रेमिडीसीवीर की जरूरत है आने वाले दिनों में यह एक लाख हो सकता है. महीने में एक लाख रेमिडीसीवीर की जरूरत होती है.
HIGHLIGHTS
- कोरोना को लेकर मुंबई में सर्वदलीय बैठक
- महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
- सीएम ठाकरे ने दी सख्त लॉकडाउन की सलाह