Maharashtra : एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे मामले में सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर उद्धव ठाकरे सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिए होते तो उन्हें राहत मिल सकती थी. साथ ही SC ने महराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर को शिंदे समेत 16 बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला करने के लिए कहा है. ऐसे में अब स्पीकर राहुल नार्वेकर को फैसला करना है कि 16 विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए अयोग्य घोषित करना या नहीं. इस बीच शिंदे-फडणवीस को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है.
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पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने नैतिक के आधार पर इस्तीफा दिया था. असली शिव सेना मेरी ही रहेगी. राज्यपाल को सत्र बुलाने का अधिकार नहीं था. बाला साहेब ठाकरे के विचारों का एकनाथ शिंदे पालन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि शिंदे-फडणवीस सरकार को हटा दें, क्योंकि इनकी वजह से महाराष्ट्र की छवि को नुकसान पहुंचा है. उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि उन्होंने जो गैरकानूनी कार्य किया है उसके लिए मुझे लगता है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. राज्यपाल किसी कानून के तहत नहीं आते तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपनी मनमर्जी करें.
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There is no need of demanding resignation from the current CM Eknath Shinde on moral grounds. We know he will not resign even in his dreams. There is a huge difference between former PM Atal Bihari Vajpayee and the current people: NCP leader Ajit Pawar on Uddhav Thackeray's… pic.twitter.com/MQS7COt08k
— ANI (@ANI) May 12, 2023
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद NCP के नेता अजित पवार (NCP leader Ajit Pawar) ने कहा कि हमारे स्पीकर ने तब हमारे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बिना पूछे ही इस्तीफा दे दिया था, ऐसा नहीं होना चाहिए था. यहां तक कि अगर वह इस्तीफा दे देते तो हम तुरंत नया अध्यक्ष चुन सकते थे. अगर हमारा स्पीकर होता तो वो 16 विधायक तब अयोग्य हो जाते.