Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: शिवसेना-यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में दिल्ली का दौरा किया, जहां उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की. यह दौरा महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण संकेत दे रहा है, खासकर इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर. ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने टीएमसी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेताओं से भी वार्ता की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर संकेत
आपको बता दें कि दिल्ली दौरे के दौरान ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए कि वे महा विकास अघाड़ी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के लिए तैयार हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में खुद को देखना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, ''अगर मेरे सहयोगियों को लगता है कि मैंने अच्छा काम किया है, तो यह निर्णय जनता और सहयोगियों पर निर्भर करेगा.'' उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री बनने का सपना नहीं देखा था, लेकिन अगर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो वे उसे पूरी क्षमता के साथ निभाने के लिए तैयार हैं.
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शिंदे गुट और विपक्ष की आलोचना
वहीं ठाकरे के इस दौरे को लेकर शिंदे गुट की शिवसेना ने तंज कसा और कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में बारिश से प्रभावित लोगों को नजरअंदाज कर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए दिल्ली का रुख किया. शिवसेना नेता संजय निरुपम ने भी ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि वे विधानसभा चुनाव में बेहतर राजनीतिक सौदे के लिए दिल्ली गए थे, जबकि उन्हें राज्य के संकटग्रस्त लोगों की मदद पर ध्यान देना चाहिए था.
महा विकास अघाड़ी में नेतृत्व की दौड़
बता दें कि महा विकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद के लिए प्रतिस्पर्धा की संभावना है. उद्धव ठाकरे ने अपनी दावेदारी पेश की है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को इस पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में महा विकास अघाड़ी किसे अपने मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाती है और इस निर्णय का महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है.
बहरहाल, दिल्ली दौरे से उद्धव ठाकरे ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए तैयार हैं, लेकिन इसे हासिल करने के लिए उन्हें विपक्ष के भीतर से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.