Advertisment

महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने स्वीकार की नरेंद्र मोदी कैबिनेट की सिफारिश

महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने स्वीकार की नरेंद्र मोदी कैबिनेट की सिफारिश

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने स्वीकार की नरेंद्र मोदी कैबिनेट की सिफारिश

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ आदित्य ठाकरे( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन (President Rule in Maharashtra) लागू हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने नरेंद्र मोदी कैबिनेट (Narendra Modi Kovind) की सिफारिश को स्वीकार करते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले 19 दिनों से सियासी घमासान जारी है. 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही वहां सत्ता को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया था. चुुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर आने वाली भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिली थीं जबकि उसके सहयोगी दल शिवसेना को 56 सीटें मिली थीं. बीजेपी-एनडीए मिलकर आसानी से सरकार बना सकती थीं लेकिन शिवसेना ने ढाई-ढाई साल सीएम के पद को लेकर बीजेपी का विरोध किया. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया. 

महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ऐसा लग रहा था कि महाराष्ट्र में बीजेपी आसानी से अपनी सरकार दोबारा बना लेगी और हरियाणा में उसे सत्ता गवांनी पड़ेगी. लेकिन मामला एकदम से उलटा हो गया. हरियाणा में तो बीजेपी ने आसानी से सरकार बना ली लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी अपने ही सहयोगी से शिकस्त खा गई. पिछले 19 दिनों से महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है. मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी राज्यपाल ने कहा था कि महाराष्ट्र में सरकार संविधान के अनुसार बनने के आसार नहीं है.

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र में सियासी घमासान: शिवसेना न घर की रही न घाट की, लगेगा राष्ट्रपति शासन

साल 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था जिसमें बीजेपी ने 122 सीटें और शिवसेना ने 63 सीटें जीतीं थी. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना के सहयोग से सरकार बनाई साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा अब साल 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी 164 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़े, इस दौरान यह कहा गया कि सत्ता के समान बंटवारे के लिए एक फॉर्मूला तय हुआ है. पर इस सीक्रेट फॉर्मूले के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था, न तो बीजेपी ने इसके बारे में कोई बात की और न ही शिवसेना ने किसी को बताया यह फॉर्मूला क्या है. जब 2019 विधानसभा चुनाव के परिणाम आए तो शिवसेना ने दावा किया कि यह तो पहले से ही तय था कि दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री ढाई-ढाई साल तक रहेंगे.

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश, राज्यपाल ने राष्ट्रपति कोविंद को भेजी रिपोर्ट

चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी (105 सीट) ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया. अब नंबर था दूसरे बड़े गठबंधन यानि कांग्रेस और एनसीपी (44+54) को बुलाने का लेकिन राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना (56 सीट) को पहले बुलाया. सोमवार की शाम को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फोन पर बात की. सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे से बात करने के बाद जयपुर में ठहरे कांग्रेस विधायकों से भी बातचीत की जिसके बाद महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों ने सोनिया गांधी के सरकार में शामिल होने के फैसले पर सहमति जताई. अबतक शिवसेना इस बात को लेकर आश्वस्त हो चुकी थी कि कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से वो महाराष्ट्र में सरकार बना लेगी. लेकिन यहां कांग्रेस ने बड़ा खेल किया और शिवसेना को राज्यपाल से मिलने तक समर्थन पत्र नहीं सौंपा और चुपचाप गेंद एनसीपी के पाले में डाल दी.

यह भी पढ़ें-अपने ही फॉर्मूले में फंस गई शिवसेना (Shiv Sena), ना खुदा मिला न विसाले सनम

यहां एनसीपी ने भी शिवसेना को झटका देते हुए कई शर्तें रख दीं जिनमें सबसे पहली शर्त ये थी कि हम शिवसेना को तभी समर्थन देंगे जब वो एनडीए से हर तरह से नाता तोड़ दे जिसमें सबसे पहली शर्त ये थी केंद्रीय मंत्रिमंडल से शिवसेना अपने मंत्रियों को इस्तीफा देकर वापस बुलाए जिसके बाद अरविंद सावंत ने भारी उद्योग मंत्री के पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया. कि बीजेपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी शर्तों से पीछे हट गई.

यह भी पढ़ें-उद्धव ठाकरे ही नहीं पिता बालासाहेब ने भी मौका देखकर दिया था कांग्रेस का साथ

दूसरी शर्त के मुताबिक एनसीपी ने भी शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री की कुर्सी की शर्त रख दी. इस दौरान शिवसेना का विधायक मंडल दल आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में राजभवन पहुंचा लेकिन कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन पत्र नहीं होने की वजह से राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया और एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर दिया. इस बीच आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से 48 घंटे का और समय मांगा लेकिन राज्यपाल ने शिवसेना समय देने से इनकार कर दिया. 

Narendra Modi Cabinet President Ramnath Kovind President rule in Maharashtra Maharashtra under President rule
Advertisment
Advertisment
Advertisment