Maharastra : महाराष्ट्र की अदालत ने एक मामले में मुस्लिम शख्स को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने दोषी को कैद या फांसी की सजा नहीं सुनाई है, बल्कि नमाज पढ़ने और पेड़ लगाने की सजा सुनाई है. नासिक के मालेगांव की अदालत (Malegaon court) ने सड़क हादसे में हुए झगड़े के केस में शख्स को दोषी ठहराते हुए कहा कि वह 21 दिनों तक लगातार दिन में 5 बार नमाज अदा करे और दो पेड़ लगाकर उसकी देखभाल करे.
मालेगांव की अदालत ((Malegaon court)) के मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू (Magistrate Tejwant Singh Sandhu) ने 27 फरवरी को एक आदेश जारी किया है. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट (Probation of Offenders Act) में एक जज को यह अधिकार मिला है कि वह किसी भी आरोपी को उचित चेतावनी या सलाह देकर छोड़ सकता है, ताकि यह निर्धारित हो सके कि वह दोबारा अपराध न करे. यहां उचित चेतावनी का मतलब है कि आरोपी ने अपराध किया है और उसे दोषी भी ठहराया गया है.
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गौरतलब है कि साल 2010 के एक केस में रऊफ खान (30) ने सड़क हादसे के बाद झगड़े में एक व्यक्ति पर कथित तौर हमला किया था, जिसमें वह जोटिल हो गया था. इसी मामले में पीड़ित व्यक्ति ने रऊफ खान के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसी मामले में कोर्ट ने रऊफ खान को दोषी मानते हुए कहा कि वह नियमित रूप से नमाज अदा नहीं कर रहा है, इसलिए कोर्ट ने दोषी को 28 फरवरी से लगातार 21 दिनों तक दिन में 5 पांच अदा करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट के आदेश में सोनापुरा मस्जिद के कैंपस में उसे दो पेड़ लगाकर उसकी देखभाल करने के लिए कहा गया है.