दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न् धनुष-तीर को फ्रीज करने पर एकल न्यायाधीश की कोर्ट में गुहार लगाई थी. ठाकरे ने 13 दिसंबर को एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
15 नवंबर को न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने ठाकरे की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि चुनाव आयोग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोई रोक नहीं लगाई गई थी. चुनाव आयोग ने ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों को 8 अक्टूबर को आधिकारिक मान्यता तय होने तक एक ही नाम या प्रतीक का उपयोग करने से रोकने का निर्देश दिया था. हाल ही में हुए अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उन्हें अलग-अलग सिंबल आवंटित किए गए थे.
ठाकरे ने अपील की थी कि चुनाव आयोग ने फ्रीजिंग आदेश पारित करते समय माना था कि शिवसेना पार्टी के दो गुट हैं. उन्होंने दावा किया था कि यह नहीं कहा जा सकता है कि पार्टी में दो गुट हैं क्योंकि वह उचित रूप से पार्टी के निर्वाचित अध्यक्ष हैं, जिसे शिंदे ने भी स्वीकार किया था.
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Source : IANS