मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. मनोज जरांगे ने 17 सितंबर से अनशन शुरू किया था और 25 सितंबर को वह अनशन से उठ गए. दरअसल, जरांगे की सेहत बिगड़ गई. जिसकी वजह से उन्हें अनशन छोड़ना पड़ा. एक साल के अंदर जरांगे का यह छठा अनशन था.
मनोज जरांगे ने अनशन किया खत्म
बीते दिनों ही जरांगे की मुलाकात शरद पवार गुट के नेता बजरंग सोनावने से हुई थी. बता दें कि जरांगे जालाना जिले के अंतरवाली सराटी गांव पर अनशन पर बैठे हुए थे. मराठा आरक्षण को लेकर जरांगे पिछले लंबे समय से मांग कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले जरांगे का अनशन सत्ताधारी सरकार को नुकसान पहुंचा सकती है.
17 सितंबर को शुरू किया था अनशन
23 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक भी बुलाई थी. जिसमें तीन कुनबी उपजातियों को आरक्षण के दायरे में लाने का फैसला लिया गया है. साथ ही मनोज जरांगे ने मराठाओं से अपील की है कि वह किसी भी तरह की राजनीतिक बैठक में शामिल ना हो. हम उनसे निपटेंगे, जिन्होंने मराठाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है.
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विधानसभा चुनाव में मराठा आरक्षण बड़ा मुद्दा
मराठा आरक्षण की बात करें तो इसे आगामी विधानसभा में बड़ा मुद्दा बनाया जा सकता है. विपक्ष मराठा आरक्षण को लेकर लगातार सत्ताधारी पार्टी को घेर रही है. विपक्ष लगातार सत्ताधारी पार्टी को मराठा विरोधी बता रही है. वहीं, मराठा आरक्षण पर कांग्रेस ने कहा कि हमने मराठा समाज को 16 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था, लेकिन इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि कोर्ट ने यह कहकर मना कर दिया कि आरक्षण 50 फीसदी के कैप से अधिक नहीं हो सकता.
नवंबर में होने वाला है विधानसभा चुनाव
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में नवंबर महीने में चुनाव होने वाला है. अभी चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है. इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी रैलियां करते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव की बात करें तो महाविकास अघाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया था. वहीं, महायुति का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था.