महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि ट्रेन सेवाएं शुरु होने के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए 11 अलग-अलग तरीकों का उपयोग किया गया और यह प्रवासी मजदूरों के एकत्रित होने का एक कारण था. देशमुख ने कहा कि इन घटनाओं के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘‘14 अप्रैल, 2020 से ट्रेनों की शुरुआत के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए 11 अलग-अलग तरीकों का उपयोग किया गया. (सोशल मीडिया) खातों का पता लगाया गया है। प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं और इसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अफवाहों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच मंगलवार दोपहर में 1,000 से अधिक प्रवासी मजदूर उपनगरीय बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर एकत्र हो गए थे. ये सभी अपने गृह नगर जाने के लिए परिवहन सेवाओं की मांग कर रहे थे.
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आरिफ नसीम खान ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के मद्देनजर उनके गृह राज्यों को भेजने के लिए तैयार है लेकिन संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री उन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. खान का यह बयान मंगलवार को बांद्रा में प्रवासी मजदूरों के एकत्रित होने की पृष्ठभूमि में आया है. इनमें से अधिकतर मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से थे.
खान ने एक बयान में कहा कि उन्होंने मुंबई और पड़ोसी क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ चर्चा की जिसकी कांग्रेस एक घटक है. राज्य के पूर्व मंत्री ने दावा किया, ‘‘सभी मंत्रियों, जिनके साथ मैंने प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं पर चर्चा की, उन्होंने मुझे बताया कि महाराष्ट्र सरकार उन्हें (उनके राज्यों को) वापस भेजने के लिए तैयार है लेकिन उन राज्यों के मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूरों को स्वीकार करने को तैयार नहीं जहां के वे रहने वाले हैं.’’
Source : Bhasha