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लोकसभा चुनाव

महाराष्ट्र में MLC चुनाव हुआ दिलचस्प, राजनीति में बड़े उलटफेर के संकेत

12 जुलाई को होने वाले विधान परिषद चुनाव राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं. गुप्त मतदान और वित्तीय खरीद-फरोख्त की संभावनाओं के बीच हर पार्टी को अपनी रणनीति पर काम करने की आवश्यकता है.

Updated on: 05 Jul 2024, 05:31 PM

highlights

  • महाराष्ट्र में MLC चुनाव हुआ दिलचस्प
  • राजनीति में बड़े उलटफेर के संकेत
  • जानें चुनावी मैदान में कौन-कौन?

 

New Delhi:

Maharashtra MLC Election 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य में बदलते राजनीतिक हालात के बीच 12 जुलाई को 11 विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं. इन 11 सीटों के लिए कुल 12 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. गुरुवार को नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख थी और राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि निर्दलीय उम्मीदवार जयंत पाटिल और ठाकरे गुट के मिलिंद नार्वेकर अपना नाम वापस ले सकते हैं. हालांकि नामांकन पत्र वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बावजूद किसी भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया. अब 12 जुलाई को होने वाले एमएलसी चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी.

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चुनावी मुकाबले का रोमांच

बता दें कि 11 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव में मतदान का दिन 12 जुलाई निर्धारित किया गया है. चूंकि यह मतदान गुप्त रूप से होगा, इसलिए बड़े पैमाने पर वित्तीय खरीद-फरोख्त की संभावना बनी हुई है. गुप्त मतदान के कारण वोटों के बंटने की भी संभावना अधिक है. इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि किस पार्टी का वोट बंटेगा और किस तरह की रणनीति अपनाई जाएगी.

चुनावी मैदान में कौन-कौन?

विधान परिषद चुनाव के लिए बीजेपी ने पांच उम्मीदवार उतारे हैं, जिसमें पंकजा मुंडे, सदाभाऊ खोत, परिणय फुके, योगेश तिलेकर और अमित गोरखे. अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से राजेश विटेकर और शिवाजीराव गरजे मैदान में हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से भावना गवली और कृपाल तुमाने को नामांकित किया है.

दूसरी ओर, जयंत पाटिल एनसीपी (शरद पवार की पार्टी) और कांग्रेस पार्टी के समर्थन से चुनाव लड़ रहे हैं. उद्धव ठाकरे द्वारा अंतिम समय में मिलिंद नार्वेकर को मैदान में उतारने के कारण विधान परिषद चुनाव में गतिरोध उत्पन्न हो गया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि मिलिंद नार्वेकर का सर्वदलीय गठबंधन इस चुनाव में कितना कारगर साबित होता है. यदि ऐसा होता है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मिलिंद नार्वेकर सत्ताधारी महायुति में किस पार्टी का वोट तोड़ेंगे. यहां बता दें, विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 274 है.

राजनीतिक समीकरण और संभावित परिणाम

विधान परिषद चुनाव में बीजेपी, एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. गुप्त मतदान के कारण वित्तीय लेन-देन और समर्थन के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच रणनीति बनाना आवश्यक हो जाएगा. इन चुनावों के परिणाम राज्य की राजनीतिक दिशा निर्धारित करेंगे और भविष्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं.

रणनीति और गठबंधन

इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन और रणनीतिक समझौतों का बड़ा महत्व होगा. मिलिंद नार्वेकर का मैदान में उतरना, जयंत पाटिल का समर्थन और विभिन्न पार्टियों के बीच संभावित गठबंधन चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं. गुप्त मतदान और वोटों के बंटने की संभावनाओं के कारण हर दल को अपने समर्थन और गठबंधन को मजबूत करने की जरूरत है.