RSS Cheif Mohan Bhagwat: भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशभर में उत्सव का माहौल है. हर कोई तिरंगा फहराकर देश की आजादी के उन पलों को ताजा कर रहा है. देश प्रति जुनून और जज्बा जगाने वाला ये दिन हर किसी के गर्व का पल है. इसी पल को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी साझा किया. उन्होंने नागपुर स्थिति आरएसएस के मुख्यालय पर न सिर्फ तिरंगा फहराया बल्कि ध्वजारोहण के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया. उन्होंने इस दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भी बड़ा बयान दिया.
अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए खिलाफ हो रही हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर हिंदुओं को बिना किसी वजह से ही खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. भारत की परंपरा रही है कि हमने हमेशा दुनिया की भलाई के लिए ही सोचा यही नहीं कई बार तो उपकार भी किए.
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#WATCH नागपुर (महाराष्ट्र): आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "पड़ोसी देश में बहुत उत्पात हो रहे हैं वहां रहने वाले हिंदू बंधुओं को बिना कारण ही उसकी गर्मी झेलनी पड़ रही है। भारतवर्ष ऐसा है कि इसका दायित्व है कि स्व की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता तो है ही लेकिन भारतवर्ष की परंपरा… https://t.co/ELHec1crXs pic.twitter.com/DDxWaPb5tK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2024
बिना वजह गर्मी झेल रहे हिंदूः भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि पड़ोसी देश में उत्पात हो रहा है, लेकिन इसकी गर्मी बिना किसी वजह से हिंदुओं को झेलना पड़ रही है. उन्होंने कहा कि भारत ऐसा देश है जो हमेशा शांति के लिए प्रतिबद्ध रहा है. बीते कुछ वर्षों में भारत ने किसी भी देश पर न तो हमला किया और न ही कोई साजिश.
बल्कि जिन देशों पर संकट मंडराया भारत ने हाथ बढ़ाकर उनकी मदद करने का काम किया है. मदद करते वक्त भारत ने ये कभी नहीं देखा कि आखिर उस देश ने पूर्व में हमारे साथ किस तरह का व्यवहार किया है.
इस आजादी को बचाए रखना हमारा काम
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि कई लोगों के बलिदान के बाद हमें ये आजादी नसीब हुई है. अब ये हमारा दायित्व है कि इस स्वतंत्रता को हम बचा कर रखें. उन्होंने कहा कि देश की सीमार पर जवान दिन रात हमारी सुरक्षा में खड़े हैं. उनके परिवार की देखभाल और जिम्मा भी हमारा है.
यही नहीं जिस पीढ़ी ने देश के लिए बलिदान दिया वह पीढ़ी तो हमारे साथ नहीं है. लेकिन हमारा कर्तव्य है कि हम आने वाली पीढ़ी को देश की स्वतंत्रता के रंग में रंगें. उन्हें देश की आजादी का सही मतलब समझाएं और इसे कायम रखने के लिए उन्हें भी प्रतिबद्ध करें.
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