महाराष्ट्र राज्य परिवहन कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है. सैलरी नहीं मिलने की वजह से महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के बस कंडक्टर ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली. कंडक्टर ने अपनी मौत के लिए ठाकरे सरकार का नाम लिया है.
मृतक मनोज अनिल चौधरी के भाई का कहना है कि पिछले तीन महीनों से उन्हें अपना वेतन ठीक से नहीं मिला. उन्होंने अपनी मौत के लिए ठाकरे सरकार का नाम लिया है.
वहीं, मृतक एमएसटीसीटीसी बस कंडक्टर के पिता अनिल चौधरी ने बताया कि मेरा बेटा एमएसआरटीसी के लिए काम करता था और जलगांव डिपो में तैनात था. वह कर्ज से जूझ रहा था और अनियमित और कम वेतन पाता था और उसने आत्महत्या कर ली.
जलगांव डिपो में काम करने वाले मनोज अनिल चौधरी जिनकी उम्र 30 साल थी ने अपने सुसाइड नोट में कहा है कि उसने एसटी निगम में कम वेतन और अनियमितताओं के कारण कठोर कदम उठाया है. उसने लिखा, मेरे परिवार का मेरी आत्महत्या से कोई लेना देना नहीं है.
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इधर, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारी यूनियनों ने तीन महीने के वेतन के भुगतान की अपनी मांग को लेकर सोमवार से राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है. सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कर्मचारी अपने पूरे परिवार के साथ अपने घर पर सांकेतिक भूख हड़ताल पर जाएंगे.
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कर्मचारियों का कहना है कि परिवहन मंत्री अनिल परब के आश्वासन के बावजूद अभी तक उन्हें सैलरी नहीं मिली. 98,000 से अधिक कर्मचारी अगस्त के बाद से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau