मुंबई का भी उत्तराखंड के जोशीमठ जैसी स्थिति है. वहां भी इमारतों में दरारें आने लगी हैं. नवी मुंबई के उल्वे में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने स्थानीय लोगों की नींद उड़ा रखी है, उन्हें हर पल जान का खतरा सता रहा है. उन्हें इस बात का डर है कहीं उनके साथ किसी दिन कोई बड़ा हादसा ना हो जाए. स्थानीय लोगों को नवी मुंबई में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से आखिर क्या खतरा है? नवी मुंबई में उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह यहां के घरों में जानलेवा दरार क्यों पड़ रही हैं? इसका अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से क्या कनेक्शन है? देखिये न्यूज नेशन की स्पेशल रिपोर्ट में...
नवी मुंबई में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है, जहां पर बड़ी ही तेजी से काम चल रहा है. ये एयरपोर्ट 1160 हेक्टेयर में करीब 17 हजार करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है, जिसे देश के मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी बना रहे हैं, जोकि इन दिनों एक अलग विवाद में घिरे हुए हैं. खैर हमारी कहानी गौतम अडानी के विवाद से नहीं बल्कि नवी मुंबई में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जुड़ी है. यहां के लोग अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने से काफी डरे हुए हैं, आप सोच रहे होंगे भला एयरपोर्ट की वजह से किस बात का डर है.
पिछले करीब डेढ़ साल से एयरपोर्ट बनाने के लिए पहाड़ों को ब्लास्ट कर तोड़ा जा रहा है, जिसके चलते एयरपोर्ट निर्माण स्थल से कुछ दूर पर स्थित इमारतों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. इमारतों के पिलर्स में बड़ी-बड़ी दरारें बन रही हैं, जिसके कारण लोगों को जान का खतरा दिखाई दे रहा है. साईं विहार नामक इमारत के पिलर्स में मोटी-मोटी दरारें पड़ी हैं, जिसके चलते इस बहुमंजिला इमारत में रहने वाले लोग डरे हुए हैं.
ये एक ही इमारत नहीं है जिसको एयरपोर्ट निर्माण से नुकसान हो रहा है, बल्कि यहां आसपास मौजूद सभी इमारतों का हाल इसी तरह है. एयरपोर्ट निर्माण के लिए बड़े-बड़े पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है. इन पहाड़ों को तोड़ने के लिए बेहद हाई इंटेंसिटी के धमाके किए जा रहे, जिससे नवी मुंबई बेलापुर का सेक्टर 15 और सेक्टर 11 बुरी तरह से प्रभावित है. बिल्डिंग के पिलर्स से लेकर घर की दीवारों तक हर जगह इमारत में बड़ी-बड़ी दरारें निकल रही हैं. लोगों को घर में रहने से भी डर लग रहा है.
इस मामले को सोसाइटी के लोग काफी दिनों से उठा रहे थे. कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने ह्यूमन चैन बनाकर अपना विरोध भी जाहिर किया था. गौरतलब है कि नवी मुंबई के सेक्टर 15 और 11 में ऐसे करीब 50 से ज्यादा कॉम्प्लेक्स हैं जो इस ब्लास्ट से परेशान हैं. लोगों ने प्रशासन को कई खत लिखे हैं, लेकिन कोई निर्णायक फैसला नहीं ले रहा है. हाल ही में चीफ मिनिस्टर आफिस ने इस मामले में जांच के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक जांच की सुगबुगाहट भी यहां के लोगों को दिखाई नहीं दी है. इस मामले में अब पर्यावरण प्रेमी भी लोगों के समर्थन में सामने आ रहे हैं.
पर्यावरणविद् बीएन कुमार ने कहा कि यहां के लोगों का मानना है कि विकास होना बेहद जरूरी है लेकिन यह विकास किसी के विनाश का कारण ना बने इसका ध्यान दिया जाए. इन बहुमंजिला इमारतों में रहने वालों की समस्याएं यकीनन गंभीर है, जिसको लेकर सरकार और प्रशासन को सजगता दिखानी होगी, ताकि कोई बड़ा हादसा ना हो.
Source : News Nation Bureau