मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में एनसीबी अफसर समीर वानखेड़े और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के बीच विवाद गहराता जा रहा है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने जहां वानखेड़े पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं समीर और उनके परिवार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. इस बीच समीर वानखेड़े की ओर से उनका बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया गया, जिसमें उनका नाम समीर ज्ञानदेव वानखेडे दर्ज है. दूसरी ओर नवाब मलिक की तरफ से आज सेंट जोसेफ हाई स्कूल और सेंट पॉल हाई स्कूल के लिविंग सर्टिफिकेट जारी कर ये दावा किया गया है कि ये सर्टिफिकेट समीर वानखेडे का है, जिसमें उनका पूरा नाम समीर दाऊद वानखेडे है.
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कौन सच्चा कौन झूठा -
कल समीर वानखेड़े ने नवाब मलिक के आरोपो के बीच मुंबई पुलिस को जो बर्थ सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया है. उस पर जन्म की तारीख-14/12/1979 है. पिता का नाम- ज्ञानदेव वानखेड़े बताया गया है. इसके साथ ही इस कापी को सब रजिस्ट्रार द्वारा वेरिफाइड किया है, जिस पर E वार्ड का स्टैम्प भी है. इसके पहले नवाब मलिक ने एक सर्टिफिकेट जारी कर यह बताया था कि समीर वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद वानखेड़े है.
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आपको बता दें कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. नवाब मलिक का आरोप है कि समीर वानखेड़े एक मुस्ल्मि हैं, लेकिन नौकरी पाने के लिए उन्होंने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट का सहारा लिया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भी कुछ सर्टिफिकेट्स की कॉपी शेयर की थी. वहीं, समीर वानखेड़े ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बनाया है.
Source : News Nation Bureau