मुंबई पुलिस ने दिल्ली में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है और पांच व्यक्तियों को इसे कथित तौर संचालित करने और लोगों से नौकरी के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह जानकारी एक अधिकारी ने शुक्रवार को दी. अधिकारी ने बताया कि यह रैकेट तब प्रकाश में आया जब गत नौ सितंबर को घाटकोपर पूर्व की रहने वाली एक महिला ने पुलिस से सम्पर्क किया और शिकायत दर्ज कराई. अधिकारी ने कहा कि महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उसने तब कम से कम 8.16 लाख रुपये गंवा दिए जब कॉल करने वाले एक व्यक्ति ने खुद को एक प्रमुख नौकरी पोर्टल का अधिकारी बनकर उससे धोखाधड़ी की. शिकायतकर्ता ने कहा कि नौकरी पोर्टल पर उसके ऐप के माध्यम से अपना ‘रिज्यूम’ पोस्ट किया था. उसने कहा कि बाद में उसे एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने कहा कि वह उस 'प्लेसमेंट सर्विस' कंपनी की ओर से कॉल कर रहा है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘कॉल के जरिये उक्त व्यक्ति ने महिला का विश्वास प्राप्त करते हुए उससे उसके बैंक खाते, डेबिट कार्ड और एक बार का पासवर्ड (ओटीपी) हासिल कर लिया और उसके अकाउंट से कम से कम 8.16 लाख रुपये निकाल लिये.’’ 31 अगस्त से तीन सितम्बर के बीच पैसे गंवाने के बाद शिकायतकर्ता ने पंत नगर पुलिस थाने से सम्पर्क किया. इस संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 और 420 के साथ ही आईटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को कॉल करने वाले के मोबाइल नम्बर के संबंध में सूचना मिली. अधिकारी ने कहा कि तकनीकी जानकारी की मदद से पुलिस टीम ने दिल्ली स्थित फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा और पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया.
जिनकी पहचान आशिक इकबाल नरुल हसन (27), राहुल तिलकराज (21), रवि होकला (24), देवेश कुमार सिंह (23) और आदित्य कुमार सिंह (31) के तौर पर हुई है. पुलिस ने आरोपियों से आठ हार्ड डिस्क, 23 मोबाइल फोन, 47 सिम कार्ड, 12 डेबिट कार्ड, 11 पेटीएम कार्ड और 1.74 लाख रुपये नकद बरामद किए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में आगे की जांच जारी है.
Source : Bhasha