मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambeer Singh) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लगातार दूसरे दिन उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है. एक शख्स ने उनके खिलाफ जबरन वसूली (Extortion) के आरोप लगाए हैं. शख्स का आरोप है कि पूर्व पुलिस अधिकारी जबरदस्ती एक जमीन अपने नाम करा रहे थे. परमबीर सिंह के खिलाफ यह मामला ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है. इससे पहले मुंबई के मरीन ड्राइव थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
कोपरी पुलिस स्टेशन को दी शिकायत में शख्स ने परमबीर सिंह पर दो करोड़ रुपये की जबरन वसूली और जमीन अपने नाम कराने के आरोप लगाए हैं. पूर्व पुलिस आयुक्त के अलावा संजय पुनमिया, सुनील जैन, मनोज घोटकर और मनेरे समेत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. गुरुवार को एक कारोबारी ने परमबीर सिंह के खिलाफ आरोप लगाए थे. अपनी शिकायत में उसने कुल 8 लोगों का जिक्र किया था, जिसमें 6 पुलिसकर्मियों का नाम भी शामिल है. इस मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में एफआईआर (FIR) में परमवीर सिंह समेत आठ लोगों पर एफआईआर ( FIR ) दर्ज किया गया है, जिसमें 2 सिविलियन है और 6 पुलिस वाले हैं. इन पुलिसवालों में मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान का भी नाम है. दो सिविलियन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिसमें सुनील जैन और पुनमिया नाम का आरोपी शामिल है. बता दें कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने महाराष्ट्र पूर्व गृहमंत्री पर वसूली का आरोप लगाया था.
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे परमबीर सिंह के खिलाफ एक और मामले में भी कार्रवाई हो सकती है. परमबीर सिंह पर ठाणे में पुलिस प्रमुख रहते समय मालाबारी हिल्स इलाके में आधिकारिक अपार्टमेंट में रहने पर उसका किराया न चुकाने का भी आरोप है. ये राशि अब लाखों में पहुंच गई है. मिली जानकारी के अनुसार परमबीर सिंह 18 मार्च 2015 को ठाणे का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था. इससे पूर्व वह मुंबई में स्पेशल रिजर्व पुलिस फोर्स के एडिशनल डीजीपी थे.
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परमबीर सिंह को मालाबार हिल्स के नीलिमा अपार्टमेंट में आवास उपलब्ध करवाया गया था. लेकिन ठाणे में पोस्टिंग होने के बाद भी उन्होंने अपार्टमेंट खाली नहीं किया. 17 मार्च, 2015 से 29 जुलाई 2018 तक किराये और पेनाल्टी को जोड़कर उनके ऊपर 54.10 लाख रुपये बकाया था. इसमें परमबीर सिंह 29.43 लाख रुपये अदा कर चुके हैं. 24.66 लाख रुपये अभी भी उन पर बकाया है.
बता दें कि पोस्टिंग अवधि समाप्त होने के बाद 15 दिन के भीतर सरकारी आवास में रहने की छूट दी जाती है इस दौरान सरकार लाइसेंस फीस वसूलती है. लेकिन समय पर आवास न खाली करने पर किराये के साथ पेनल्टी भी देनी होती है. परमबीर सिंह और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के बीच विवाद होने से पहले परमबीर सिंह ने अपनी बकाया माफ करने की अपील की थी.