महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी यानी MVA सरकार के जाते ही महा विकास आघाड़ी के भीतर मतभेद की खबरें खुलेआम सामने आने लगी हैं. बीएमसी की सत्ता पर काबिज शिवसेना के खिलाफ महा विकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस के दो नेताओं ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुजारिश की है कि वह शिवसेना द्वारा बनाई गई वार्ड बाउंड्री को तुरंत निरस्त करें. कांग्रेस नेता और पूर्व मुंबई अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर कहा कि शिवसेना ने जो प्रभाग रचना की है वह गलत है और उससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान होगा, इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए एवं नई प्रभाग रचना यानी वार्ड बाउंड्री गठित करनी चाहिए.
वहीं, महाराष्ट्र के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने शिवसेना पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना मुंबई से ज्यादा पार्टी को केंद्रित रखकर बीएमसी में काम कर रही है. शिवसेना को बढ़ाने के लिए और दूसरी पार्टियों को कम करने के लिए बीएमसी की वार्ड रचना तैयार की गई है उसे तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए और फिर से वार्ड बाउंड्री गठित करना चाहिए.
दरअसल, सरकार में एक साथ शामिल रही महा विकास आघाड़ी की पार्टियां अब एक-दूसरे के खिलाफ खुले मंच पर बोलना शुरू कर चुकी हैं. इससे पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि शिवसेना ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलते समय एनसीपी से पहले नहीं पूछा था और यह शिवसेना का अलग फैसला एवं अब एक बार फिर बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस शिवसेना पर आक्रामक दिख रही है.
क्योंकि, कांग्रेस और एनसीपी के कहने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने महा विकास आघाड़ी के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा के बजाय एनडीए के कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू को सपोर्ट करने का फैसला किया. इससे सत्ता में शमिल कांग्रेस और NCP नाराज हो गए एवं अब कांग्रेस और एनसीपी उद्धव ठाकरे ग्रुप के ऊपर हमलावर दिख रही है.
Source : Abhishek Pandey