महाराष्ट्र में कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान आखिरकार नाना पटोले को सौंप दी गई है. नाना पटोले ने गुरुवार को ही विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. उनके इस्तीफा देने के बाद यह तय माना जा रहा था कि उन्हें ही अध्यक्ष पद की कमान सौंपी जाएगी. हालांकि इससे पहले अमित देशमुख का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में सामने आया लेकिन उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली हाईकमान भी किसी वरिष्ठ नेता को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपना चाहता था.
निर्विरोध चुने गए थे विधानसभा अध्यक्ष
महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नाना पटोले निर्विरोध चुने गए थे. ये तब हुआ जब बीजेपी के किशन कथोरे ने अपना नाम वापस ले लिया. नाना पटोले कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं. हालांकि, वो पहली बार तब सुर्खियों में आए जब 2014 में बीजेपी से सांसद बने. दरअसल, दिग्गज नेता नाना पटोले 2014 के आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और बीजेपी से सांसद बने थे. 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने नागपुर की भंडारा गोंदिया सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता प्रफुल्ल पटेल को करीब डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया और पहली बार सांसद बने.
2014 में बीजेपी से बने MP, लेकिन फिर कांग्रेस में लौट आए
साल 2018 में नाना पटोले (Nana Patole) ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया और फिर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. बीजेपी छोड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि यहां वो खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे थे. नाना पटोले का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका सवाल पूछना पसंद नहीं था. बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद कांग्रेस में आए नाना पटोले को पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी के खिलाफ नागपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा. फिलहाल नाना पटोले सकोली से विधायक हैं.
- महाराष्ट्र में कांग्रेस से विपक्ष के नेता भी रहे हैं
- 2014 लोकसभा चुनाव से पहले BJP में शामिल
- भंडारा गोंदिया से 2014 लोकसभा चुनाव जीते
- 2014 में NCP के प्रफुल्ल पटेल को हराया
- 2018 में BJP छोड़कर फिर कांग्रेस में शामिल
- 2019 लोकसभा चुनाव: नितिन गडकरी से हारे
Source : News Nation Bureau