Nashik Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में सकल हिंदू मोर्चा ने नासिक में बंद का आह्वान किया था. यह आंदोलन पहले तो शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन जब भद्राकाली इलाके में बंद बुलाए जाने के बाद भी कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद नहीं की तो इसे लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई और इस घटना को नियंत्रित करने के दौरान 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
बंद के दौरान दो पक्षों में हिंसक झड़प
मिली जानकारी के अनुसार, प्रदर्शन कर रहे युवकों ने जब दुकान खुली देखी तो उन्होंने इसका विरोध किया और दुकान बंद करने को कहा, लेकिन दुकानदार नहीं माने. जिसके बाद दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया. भीड़ को आक्रोशित होता देख मामले को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस भी छोड़े. आक्रोशित भीड़ ने ना सिर्फ पथराव किया, बल्कि वाहनों में भी तोड़फोड़ की.
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हिंसा में 18 पुलिसकर्मी घायल
नासिक के भद्रकाली इलाके में हिंसा को बढ़ता देख कर्फ्यू लगा दिया गया. वहीं, उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सकल हिंदू समाज की तरफ से बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही बर्बरता के खिलाफ बंद बुलाया गया था, उन्हें विरोध रैली के लिए अनुमति भी दी गई थी. जिसके बाद शुक्रवार को नासिक में रैली निकाली गई थी. इस दौरान पुराने नासिक के भद्रकाली इलाके में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई. जब पुलिस ने स्थिति को बिगड़ते हुए देखा तो लाठीचार्ज कर मामले को शांत कराया. वहीं, शांति बनाए रखने के लिए इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया.
इलाके में लगाया गया कर्फ्यू
आपको बता दें कि 5 अगस्त को शेख हसीना ने बांग्लादेश में उग्र आंदोलन को बढ़ता देख प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर निकल गई. वहीं, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश की हालात और खराब हो गई और कट्टरपंथी पार्टियां बांग्लादेश हिंदुओं को हिंसा का शिकार बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर लगातार दिलदहला देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं, जहां हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है. बांग्लादेश के 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय किया जा रहा है.