सरकार बनते ही एनसीपी ने शिवसेना के सामने खड़ी की यह बड़ी मुसीबत

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में उद्धव ठाकरे (Udhav Thackerey) के नेतृत्‍व में शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) की सरकार को बने अभी हफ्ते भी नहीं हुए हैं कि मुसीबतें खड़ी होनी शुरू हो गई है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
सरकार बनते ही एनसीपी ने शिवसेना के सामने खड़ी की यह बड़ी मुसीबत

सरकार बनते ही एनसीपी ने शिवसेना के सामने खड़ी की यह बड़ी मुसीबत( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में उद्धव ठाकरे (Udhav Thackerey) के नेतृत्‍व में शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) की सरकार को बने अभी हफ्ते भी नहीं हुए हैं कि मुसीबतें खड़ी होनी शुरू हो गई है. पहले एनसीपी में डिप्‍टी सीएम (Deputy CM) पद को लेकर रार मची, वहीं अब एनसीपी (NCP) के विधायक ने ऐसी मांग सरकार से कर दी है, जिससे मानना उद्धव ठाकरे के लिए आसान नहीं होगा. एनसीपी के विधायक जितेंद्र अवहद (Jitendra Awhad) ने मांग की है कि सरकार भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Case) में केस वापस ले ले. एनसीपी विधायक ने इस मामले को झूठा भी बताया है.

यह भी पढ़ें : अंडर 19 विश्‍व कप के लिए टीम इंडिया का ऐलान, जानें कौन कौन है टीम में शामिल

एनसीपी विधायक जितेंद्र अवहद ने भीमा कोरेगांव मामले को वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा, भीमा कोरेगांव का मामला झूठा है. उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे और जयंत पाटिल के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार द्वारा इस केस को वापस लेने की अपील की.

बता दें कि भीमा कोरेगांव में एक जनवरी को हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक आदमी की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. महाराष्ट्र पुलिस तब पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. जांच में उन्‍हें "शहरी नक्सली" बताते हुए आरोप लगाया गया कि वे "राजीव गांधी-टाइप" हमले में पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे.

यह भी पढ़ें : सुब्रमण्‍यम स्वामी ने काशी, मथुरा के लिए भूमि अधिग्रहण की मांग की

बता दें कि महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने को लेकर लंबे समय तक राजनीतिक जद्दोजहद का दौर चला था. 24 अक्‍टूबर को जनादेश आने के बाद से ही सरकार बनाने को लेकर कश्‍मकश चल रही थी, लेकिन शिवसेना ने खुद के मुख्‍यमंत्री की मांग को लेकर बीजेपी से किनारा कर लिया. राज्‍यपाल ने पहले बीजेपी, शिवसेना और फिर एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन तीनों दलों ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया. राज्‍यपाल ने राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी.

यह भी पढ़ें : बीजेपी नेता अनंत हेगड़े के बयान को देवेंद्र फड़नवीस ने खारिज किया

23 नवंबर को अचानक घटनाक्रम तेजी से बदला. ऐसे समय जब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस साथ आने की कोशिश कर रही थीं, देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली. उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार डिप्‍टी सीएम बन गए, लेकिन बाद में अजित पवार और उनके साथ के विधायकों को शरद पवार अपने पाले में ले जाने में कामयाब रहे और फिर देवेंद्र फडणवीस को इस्‍तीफा देना पड़ा था. उसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्‍व में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनी थी.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

congress NCP Shiv Sena Bhima Koregaon case NCP MLA Jitendra Awhad Udhav Thackerey Maharahshtra
Advertisment
Advertisment
Advertisment