महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ दो आपराधिक मामलों में कथित गैर-खुलासे के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शनिवार को सुनवाई की. देवेंद्र फडणवीस ने चुनावी एफिडेविट में पूरी जानकारी नहीं दी थी. आगे की कार्यवाही के लिए अदालत ने अगली सुनवाई 24 जनवरी को निर्धारित की है.
देवेंद्र फडणवीस को विधानसभा चुनाव 2019 से पहले बड़ा झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट में चुनावी हलफनामे में फडणवीस के जानकारी छुपाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी. अदालत ने दो लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी कथित रूप से मुहैया नहीं कराने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त (रद्द) कर दिया और फडणवीस को मामले में सुनवाई का सामना करने का आदेश दिया था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने सतीश यूकी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था, जिसमें कहा गया कि फडणवीस ने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का कथित खुलासा नहीं किया था. शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट को मामले की सुनवाई जारी रखने के आदेश दिए हैं.
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याचिकाकर्ता यूकी का आरोप है कि देवेंद्र फडणवीस ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अपने ऊपर लंबित दो आपराधिक मुकदमों की जानकारी छुपाई थी. कोर्ट ने इस मामले में 23 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि फडणवीस द्वारा 2014 में चुनाव के समय हलफनामे में दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं देने की ‘भूल चूक’ के बारे में निचली अदालत निर्णय ले सकती है. फडणवीस पर जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन करने का आरोपयाचिकाकर्ता की दलील थी कि फडणवीस ने ऐसा कर के जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 125A का उल्लंघन किया है. इस संबंध में लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट ने कहा था कि फडणवीस के खिलाफ पहली नजर में कोई मामला नहीं बनता है. उके की दलील थी कि प्रत्याशी के लिए सभी आपराधिक मामलों की जानकारी देना कानूनी रूप से अनिवार्य है.
Source : News Nation Bureau