पुलिस ने सलमान खान की हत्या की साजिश में शामिल लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक शूटर को पकड़ा है. बुधवार रात गिरफ्तार किए गए शूटर का नाम सुक्खा उर्फ सुखबीर बलबीर सिंह है. गुरुवार को अधिकारी ने बताया कि पनवेल टाउन पुलिस ने आरोपी सुक्खा को हरियाणा के पानीपत से गिरफ्तार किया है.
पुलिस की चार्जशीट में शामिल हैं 5 नाम
नवी मुंबई पुलिस द्वारा आरोपपत्र दायर किया है. आरोप पत्र में पुलिस ने कहा कि पनवेल में अपने फार्महाउस के पास सलमान खान की हत्या करने के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी ली गई थी. सुपारी जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व वाले गिरोह ने ली थी. पुलिस ने आरोप पत्र में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, उसके भाई अनमोल, संपत नेहरा, गोल्डी बराड़ और रोहित गोधारा का नाम लिखा है.
अलग-अलग राज्यों में छिपे शूटर्स
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी पाकिस्तान से अत्याधुनिक हथियार खरीदने की फिराक में थे, जैसे- एके 47, एम 16, एके 92 और तुर्की निर्मित हथियार. खास बात यह है कि यह वही हथियार है, जिससे पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को मारा गया था. बता दें, सलमान खान को मारने के लिए 18 साल से कम के उम्र के लड़कों को हायर किया गया था. यह सभी रायगढ़, पुणे, नवी मंबई और ठाणे के साथ-साथ गुजरात में छिपे हुए थे.
70 लोग रख रहे थे सलमान पर नजर
पुलिस ने आरोपपत्र में कहा कि 60 से 70 लोग करीब सलमान खान की हर एक मूवमेंट को ट्रेस कर रहे थे. खासकर सलमान के बांद्रा स्थित घर, पनवेल के फार्महाउस और गोरेगांव फिल्म सिटी में. अगस्त 2023 से अप्रैल 2024 के बीच, सलमान खान को मारने की प्लानिंग की गई थी.
पुलिस जांच में साफ हुआ कि सुक्खा ने हत्या की जिम्मेदारी नामित शूटर अजय कश्यप सहित चार लोगों को सौंपी हुई थी. कश्यप और उसकी टीम ने रेकी के बाद पता चला कि सलमान की कड़ी सुरक्षा, बुलेटप्रूफ गाड़ी के कारण हाई क्वालिटी हथियारों की जरूरत थी. सुक्खा ने पाकिस्तान के हथियार डीलर डोगर से वीडियो कॉल पर संपर्क किया था. वीडियो कॉल पर सुक्खा ने सौदा किया था और डीलर ने एके-47 सहित अन्य बड़े और घातक हथियार दिखाए थे. डोगर हथियार देने को राजी हो गया था. सुक्खा ने 50 प्रतिशत एडवांस और बाकी पेमेंट डिलीवरी के बाद देने की बात कही थी.
देश छोड़ने की फिराक में थे शूटर
पुुलिस ने चार्जशीट में कहा कि शूटर गोल्डी बरार, लॉरेंस बिश्नोई और उसके भाई अनमोल के इशारे का इंतजार कर रहे थे. सलमान की हत्या के बाद शूटरों को कन्याकुमारी में इकट्ठा होने का निर्देश था. वहां से उन्हें श्रीलंका या फिर किसी और देश में भेजने की प्लानिंग थी.