महाराष्ट्र की बारामती सीट बनी चर्चा का विषय, अजित पवार ने बनाया जबरदस्त राजनितिक प्लान!

महाराष्ट्र के बारामती निर्वाचन क्षेत्र से अपने बेटे जय पवार की उम्मीदवारी पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि यह लोकतंत्र है, मुझे इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं है.

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Ritu Sharma
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Maharashtra Assembly Polls: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. हर राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है, और नेताओं के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है. इसी माहौल के बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपनी पार्टी एनसीपी के वोट बैंक को मजबूत करने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं. उनके बेटे जय पवार की चुनाव में भागीदारी को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं. अजित पवार ने अपने बेटे की उम्मीदवारी को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसने इन चर्चाओं को और बल दिया है.

जय पवार की बारामती से उम्मीदवारी पर अजित पवार का रुख

आपको बता दें कि इसको लेकर अजित पवार से जब बारामती विधानसभा सीट से उनके बेटे जय पवार की उम्मीदवारी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपने जवाब में कहा, ''यह लोकतंत्र है और इसमें जनता और कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. मैंने 7-8 चुनावों का हिस्सा रहते हुए देखा है, इसलिए व्यक्तिगत रूप से इसमें मेरी कोई खास दिलचस्पी नहीं है. लेकिन यदि पार्टी कार्यकर्ता और संसदीय बोर्ड ऐसा चाहते हैं, तो हम इस पर विचार करने को तैयार हैं.'' बता दें कि इस बयान से यह स्पष्ट है कि अजित पवार ने जय पवार की उम्मीदवारी को पूरी तरह से खारिज नहीं किया है. बल्कि, उन्होंने इसका फैसला पार्टी के कार्यकर्ताओं और संसदीय बोर्ड पर छोड़ दिया है.

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बारामती सीट पर सियासी मुकाबला

वहीं बारामती विधानसभा सीट एनसीपी के लिए एक महत्वपूर्ण गढ़ रही है. अजित पवार 1991 से इस सीट से लगातार विधायक रहे हैं. इससे पहले शरद पवार ने 1967 में कांग्रेस के टिकट पर यहां से जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार बारामती सीट को लेकर सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं. शरद पवार गुट से अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार को यहां से टिकट दिए जाने की चर्चा है। युगेंद्र पवार, अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं. ऐसे में बारामती सीट पर एक दिलचस्प मुकाबले की संभावना बन रही है.

अजित पवार की 'जनसम्मान यात्रा'

आपको बता दें कि चुनाव से पहले अजित पवार ने 8 अगस्त से 'जनसम्मान यात्रा' की शुरुआत की है. इस यात्रा का मकसद महिलाओं, युवाओं, किसानों और पिछड़े वर्गों को अपने पक्ष में लाना है. यह यात्रा आदिवासी बहुल डिंडोरी से शुरू हुई है, जो राज्य भर में जनता के बीच एनसीपी की पकड़ मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा है.

लोकसभा चुनाव के परिणाम और महायुति की चुनौती

वहीं अगर पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो महाराष्ट्र में महायुति (बीजेपी, शिंदे गुट और अजित पवार गुट) का प्रदर्शन औसत से कम रहा था. बीजेपी को 9 सीटों पर, शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर और अजित पवार गुट को मात्र 1 सीट पर जीत मिली थी, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

बहरहाल, आगामी विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में सत्ता के समीकरण को बदलने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होंगे. अजित पवार की ओर से दिए गए संकेत बताते हैं कि एनसीपी अपने पारंपरिक गढ़ों को सुरक्षित रखने और नए क्षेत्रों में पैर जमाने की पूरी कोशिश कर रही है.

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