Maharashtra Political News: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और लोकसभा चुनाव परिणामों के आधार पर दलों की स्थिति का आकलन करने का प्रयास हो रहा है. इस चुनावी माहौल में महायुति (भारतीय जनता पार्टी और शिंदे की शिवसेना के नेतृत्व में गठबंधन) और महाविकास अघाड़ी (एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना) के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है. इस बार चुनावी समीकरण बदले हुए हैं, नए गठबंधन बने हैं और कुछ दलों ने पुराने साथी से किनारा कर लिया है. आइए आइये जानते हैं क्या कहते हैं मौजूदा हालात...
यह भी पढ़ें : कौन है लॉरेंस बिश्नोई, जेल से कैसे चला रहा है अपना गैंग नेटवर्क? जानें सबकुछ
लोकसभा नतीजों के आधार पर किसकी कितनी सीटें?
आपको बता दें कि अगर हम लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों को देखें, तो महायुति को महाराष्ट्र में बड़ी बढ़त मिली थी. बीजेपी और शिवसेना (जो उस वक्त साथ थे) ने लोकसभा चुनाव में कुल 48 सीटों में से 41 सीटें जीती थीं. महाविकास अघाड़ी के दलों को मिलकर कुल 6 सीटें मिली थीं. लेकिन, 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए समीकरण बदल गए हैं. शिवसेना के दो गुटों में बंटने के बाद, शिंदे गुट और बीजेपी महायुति के रूप में मैदान में उतर रहे हैं, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस महाविकास अघाड़ी के ध्वज तले चुनाव लड़ रहे हैं.
वहीं आपको बता दें कि महायुति के पास बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के रूप में एक मजबूत गठबंधन है, जबकि महाविकास अघाड़ी में भी एनसीपी (शरद पवार गुट), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच तालमेल बरकरार है. साथ ही महायुति को बीजेपी की सशक्त चुनावी मशीनरी और शिवसेना शिंदे गुट के समर्थन से फायदा हो सकता है, जबकि महाविकास अघाड़ी को ठाकरे गुट, एनसीपी और कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक समर्थन दे सकता है.
कौन-कौन सा दल किस गठबंधन में है?
इसके साथ ही बता दें कि महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और कुछ छोटे दल जैसे आरपीआई (अठावले) और रयत क्रांति पार्टी शामिल हैं. वहीं, महाविकास अघाड़ी में शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस साथ हैं. हालांकि, इस बार एनसीपी के अजित पवार गुट ने महाविकास अघाड़ी से किनारा कर लिया है और बीजेपी-शिंदे गुट के साथ गठबंधन किया है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीतिक तस्वीर काफी बदल गई है.
कोल्हान प्रमंडल और संथाल परगना में दांव पर किसकी साख?
- कोल्हान प्रमंडल और संथाल परगना, झारखंड के प्रमुख राजनीतिक क्षेत्र माने जाते हैं. यहां कुल मिलाकर 18 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 9 कोल्हान प्रमंडल और 9 संथाल परगना में आती हैं.
- इन क्षेत्रों में झामुमो, बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखा जाता है.
- इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की साख इन क्षेत्रों में दांव पर लगी है, क्योंकि ये प्रमंडल पार्टी के लिए हमेशा मजबूत गढ़ रहे हैं.
- बीजेपी यहां अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस झामुमो के साथ मिलकर अपने वोट बैंक को बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है.
चुनाव से पहले सभी पार्टियां दे रही हैं कड़ी परीक्षा
इसके अलावा आपको बता दें कि महाराष्ट्र में गठबंधन की परीक्षा इस बार कड़ी होगी. अजित पवार गुट के बीजेपी के साथ जाने से महाविकास अघाड़ी कमजोर हो सकता है, जबकि महायुति गठबंधन अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा. संथाल परगना और कोल्हान में भी दलों की साख दांव पर है और इन इलाकों के परिणाम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत देंगे. कुल मिलाकर, महाराष्ट्र और झारखंड के इन चुनावी क्षेत्रों में दोनों प्रमुख गठबंधनों के लिए कठिन चुनौती होगी, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी रणनीति कारगर साबित होती है.