Eknath Shinde on Shivaji Maharaj Statue: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष से अपील की है कि वे इस संवेदनशील मुद्दे को राजनीति का विषय न बनाएं. उन्होंने स्पष्ट किया कि शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के आराध्य देवता हैं और उनके प्रति आदर में कोई कमी नहीं होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री की अपील और माफी
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि शिवाजी महाराज का विषय राजनीति करने के लिए नहीं है और उनके पैर छूने में वे 10 बार नहीं, बल्कि 100 बार झुककर माफी मांगने को तैयार हैं. उन्होंने यह भी बताया कि विपक्ष द्वारा इस मुद्दे को राजनीति का रंग देना उचित नहीं है, क्योंकि यह घटना वास्तव में दर्दनाक है और इसे केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए.
वहीं मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि घटना के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है. एक महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने मंत्रियों, नौसेना और पुलिस अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. इसके बाद एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है, जिसमें नौसेना अधिकारी, विशेषज्ञ आर्किटेक्ट और आईआईटी के इंजीनियर शामिल होंगे. यह समिति जल्द से जल्द अपनी जांच शुरू करेगी और मूर्ति के पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाएगी.
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नई प्रतिमा की स्थापना की योजना
साथ ही आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिंदे ने घोषणा की कि सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की एक नई, मजबूत और भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी. उन्होंने बताया कि स्थानीय हवाओं, वातावरण और समग्र स्थिति की गहन समीक्षा के बाद ही इस प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार ने इस घटना के लिए माफी मांगी है और यह घटना किसी भी तरह से राजनीति का विषय नहीं बननी चाहिए.
तकनीकी समिति और जांच का गठन
इसके अलावा आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने मूर्ति के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया है. इस समिति में इंजीनियर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञ और नौसेना अधिकारी शामिल हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस समिति का उद्देश्य तटीय कोंकण क्षेत्र के मालवण में स्थित शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के कारणों की जांच करना है.
बहरहाल, सरकार ने शिवाजी महाराज के ''कद के अनुरूप एक भव्य प्रतिमा'' बनाने के लिए भी एक अलग समिति गठित की है. यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि नई प्रतिमा मजबूत हो और भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की संभावना न रहे.