Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस में बड़े फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के कम से कम 10 मौजूदा विधायकों को पार्टी के उम्मीदवारों की सूची से बाहर किया जा सकता है. यह निर्णय कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षण के आधार पर लिया जा रहा है, जिसमें इन विधायकों के खिलाफ भारी एंटी-इंकम्बेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा. बता दें कि सर्वे में 20% से अधिक उत्तरदाताओं ने इन विधायकों के प्रति असंतोष जताया है, जिससे पार्टी के लिए चुनौती बढ़ गई है.
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विधायकों को एमएलसी पद का ऑफर
आपको बता दें कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से इस स्थिति से निपटने के लिए सलाह मांगी है. पार्टी का मानना है कि यदि इन विधायकों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया जाता है, तो उन्हें राज्य विधान परिषद (MLC) के पदों पर नियुक्त किया जा सकता है. इससे पार्टी में असंतोष और बगावत की संभावना को रोका जा सकेगा और चुनावी एकजुटता बनी रहेगी.
वहीं कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि यह बदलाव एंटी-इंकम्बेंसी के प्रभाव को कम करने और पार्टी में नए चेहरों को मौका देने की रणनीति का हिस्सा है. पार्टी ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में उसकी स्थिति मजबूत हो सके, विशेष रूप से तब जब पार्टी पिछले दो वर्षों से विपक्ष में है. महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन के बाद से कांग्रेस सत्ता से बाहर है और उसे इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.
2019 में कांग्रेस का प्रदर्शन और आगामी चुनावी तैयारी
साथ ही बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीती थीं. हालांकि, आगामी चुनावों के लिए कांग्रेस 100 सीटों की मांग कर रही है. महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के साथ कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे के लिए बातचीत की है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय अभी बाकी है. कांग्रेस की ओर से अधिक सीटों की मांग को लेकर गठबंधन के भीतर असहमति भी देखी जा रही है, खासकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ.
इसके अलावा आपको बता दें कि कांग्रेस का मानना है कि महाराष्ट्र में उसकी स्थिति को मजबूत करना राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है. हालांकि, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) जैसे सहयोगी दल इस मांग पर उतने उदार नहीं दिख रहे हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद से सहयोगी दलों के बीच इस मुद्दे पर असहमति और बढ़ गई है.
सीट बंटवारे पर गतिरोध
वहीं सूत्रों के अनुसार, महाविकास अघाड़ी के तीन प्रमुख दलों- कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के बीच कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों पर खींचतान जारी है. यह गतिरोध गठबंधन की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है और आगामी चुनाव में उनके प्रदर्शन पर असर डाल सकता है.
चुनाव आयोग जल्द करेगा चुनाव तिथियों की घोषणा
बता दें कि इन सब के बीच चुनाव आयोग महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करने की तैयारी कर रहा है. चुनावी प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा के बाद से ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियां और तेज हो जाएंगी और पार्टियों के भीतर और गठबंधन के बीच अंतिम समीकरण स्पष्ट होने की उम्मीद है. कुल मिलाकर, कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर फेरबदल करने की तैयारी कर रही है, लेकिन सीट बंटवारे और आंतरिक असंतोष जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.