Maharashtra Political News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासत का तापमान बढ़ता जा रहा है. इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 10 साल पहले बीजेपी का दामन थामा था और अब पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है. यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब पार्टी चुनावी तैयारी में जुटी हुई है.
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हिंगोली सीट से चुनाव न लड़ पाने की नाखुशी
सूर्यकांता पाटिल ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपनी नाखुशी जाहिर की थी क्योंकि उन्हें हिंगोली सीट से चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला. उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी से टिकट मांगा था और हिंगोली से चुनाव लड़ना चाहती थीं. हिंगोली सीट से चुनाव न लड़ पाने की स्थिति में उन्होंने अपनी नाखुशी स्पष्ट रूप से व्यक्त की थी. अब उन्होंने पार्टी को अलविदा कहते हुए लिखा, ''मैंने बीते 10 वर्षों में बहुत कुछ सीखा है, मैं पार्टी की आभारी हूं.'' सूर्यकांता पाटिल पहले शरद पवार की एनसीपी में थीं और 2014 में बीजेपी में शामिल हुई थीं.
महायुति में सीट साझेदारी का मुद्दा
वहीं महायुति में सीट साझेदारी के तहत हिंगोली सीट एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को दी गई थी. आम चुनाव के दौरान बीजेपी ने सूर्यकांता को हडगांव हिमायतनगर विधानसभा क्षेत्र का चुनाव प्रमुख बनाया था. हालांकि, शिवसेना हिंगोली सीट हार गई और यह सीट उद्धव ठाकरे के गुट वाली पार्टी के पास चली गई. इस स्थिति ने सूर्यकांता पाटिल को काफी निराश किया और यह उनके इस्तीफे का एक प्रमुख कारण बना.
बीजेपी का खराब प्रदर्शन
सूर्यकांता पाटिल चार बार हिंगोली-नांदेड़ सीट पर सांसद रह चुकी हैं और एक बार विधायक भी रही हैं. वह यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री रही थीं. इसके अलावा, वह राज्यसभा की भी सांसद रह चुकी हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रदर्शन 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में कमजोर रहा है. पार्टी को इस बार कई सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है. 2019 में उसने 20 से ज्यादा सीटें जीती थीं, जबकि इस बार वह केवल 9 सीटें ही जीत पाई.
बीजेपी के लिए चुनौती
इसके साथ ही आपको बता दें कि सूर्यकांता पाटिल का इस्तीफा बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. वह पार्टी की एक महत्वपूर्ण नेता थीं और उनके इस्तीफे से पार्टी को नुकसान हो सकता है. उनके इस्तीफे से यह संकेत मिलता है कि पार्टी में आंतरिक असंतोष और असहमति है, जो चुनावी तैयारियों को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, पार्टी को अपने पुराने नेताओं के साथ संबंधों को सुधारने और उन्हें साथ रखने की आवश्यकता है.
HIGHLIGHTS
- महाराष्ट्र में BJP को बड़ा झटका
- पूर्व केंद्रीय सूर्यकांता पाटिल ने छोड़ी पार्टी
- हिंगोली सीट से चुनाव न लड़ पाने की थी नाखुशी
Source : News Nation Bureau