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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज, इस पार्टी को मिलेंगी सबसे ज्यादा सीटें?

लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 सीटों में 30 सीटें जीतने के बाद MVA के हौसले बुलंद है. एमवीए नेताओं ने साफ कर दिया है कि तीनों पार्टियां मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. वहीं लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस राज्य में संघर्ष कर रही थी.

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Ritu Sharma
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Maharashtra Politics

एमवीए में संभावित सीट शेयरिंग फॉर्मूला( Photo Credit : News Nation )

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Maharashtra Assembly Election: लोकसभा चुनावों के खत्म होते ही अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों पर लोगों की नजरें टिक गई हैं. अक्तूबर में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बार सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियों में तेजी ला दी है. लोकसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे में हुई देरी के अनुभव से सीख लेते हुए, विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने सीट शेयरिंग की दिशा में बातचीत अभी से शुरू कर दी है. पिछले हफ्ते मुंबई में एमवीए की बैठक हुई जिसमें सीट शेयरिंग पर प्रारंभिक चर्चा हुई.

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प्रारंभिक सीट शेयरिंग फॉर्मूला

लोकमत की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 13 सीटों पर जीत हासिल की थी और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इस हिसाब से कांग्रेस विधानसभा चुनाव में 100 से 105 सीटों पर लड़ सकती है.

वहीं उद्धव ठाकरे गुट, जिसे लोकसभा चुनाव में नौ सीटों पर जीत मिली थी उसे 90 से 95 सीटें दी जा सकती हैं. शरद पवार गुट को 80 से 85 सीटें मिल सकती हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए आने वाले समय में और भी बैठकें होंगी.

एमवीए में सीटों का आवंटन कैसे होगा?

आपको बता दें कि महाविकास अघाड़ी में तीनों दलों की ताकत के आधार पर सीट आवंटन और निर्वाचन क्षेत्र तय किए जाने की उम्मीद है. कांग्रेस को विदर्भ, उत्तरी महाराष्ट्र, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है. मुंबई में उद्धव ठाकरे गुट को ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. शरद पवार गुट पश्चिमी महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र में अधिक विधानसभा सीटों की मांग कर सकता है.

महाविकास अघाड़ी की सफलता और चुनौतियां

महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली थी. महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से एमवीए में शामिल दलों को 30 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस राज्य में संघर्ष कर रही थी. कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी और पार्टी में फूट के कारण उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट की हालत भी उतनी अच्छी नहीं थी, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद एमवीए में शामिल तीनों पार्टियों का आत्मविश्वास बढ़ा है. अब ये तीनों पार्टियां मिलकर विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं. एमवीए की बैठकें और रणनीतिक चर्चाएं यह दर्शाती हैं कि वे विधानसभा चुनावों में भी लोकसभा जैसी सफलता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

कांग्रेस का प्रमुख स्थान

वहीं आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी को इस बार विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है. विदर्भ, उत्तरी महाराष्ट्र, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में कांग्रेस को अधिक सीटें मिलने की संभावना है, जो पार्टी की बढ़ती ताकत को दर्शाता है. कांग्रेस की योजना यह है कि वे अपने मजबूत क्षेत्रों में अधिक से अधिक सीटें जीतकर विधानसभा में अपनी पकड़ मजबूत करें.

उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार गुट की रणनीति

उद्धव ठाकरे गुट मुंबई और शहरी क्षेत्रों में अधिक सीटों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, जहां उनकी लोकप्रियता अधिक है. वहीं, शरद पवार गुट पश्चिमी महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र में अधिक सीटों की मांग कर सकता है, जहां उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत है.

HIGHLIGHTS

  • महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज
  • किस पार्टी को मिलेंगी सबसे ज्यादा सीटें?
  • जानें MVA का सीट शेयरिंग का फॉर्मूला

Source : News Nation Bureau

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