OBC Reservation Protest: महाराष्ट्र में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज के लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है. बता दें कि बीड जिले में केज-लातूर और अहमदनगर-अहमदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओबीसी समाज के लोग टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार लिखित में आश्वासन दे कि मराठाओं को आरक्षण देने की प्रक्रिया में ओबीसी आरक्षण को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं किया जाएगा.
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क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि ओबीसी कार्यकर्ता मराठा आरक्षण को ओबीसी कोटे से देने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वे मनोज जरांगे की मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन का विरोध कर रहे हैं, जिसमें कुनबियों को मराठा समुदाय के सदस्यों के 'ऋषि सोयारे' (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता दी गई है.
वहीं दो प्रमुख नेताओं ने मांग की है कि सरकार को सेज-सोयारे और मराठा अधिसूचना पर लोगों द्वारा दर्ज की गई 8 लाख आपत्तियों के बारे में स्पष्ट करना चाहिए. इसके साथ ही, सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि सरकारी रिकॉर्ड में कितने कुनबी नाम दर्ज हैं. वे यह भी जानना चाहते हैं कि क्या हिंदू कानून, मुस्लिम पर्सनल लॉ, ईसाई कानून, पारसी कानून और किसी भी भारतीय कानून में सेज-सोयारे की परिभाषा का उल्लेख है.
सरकार पर दबाव
इसके साथ ही आपको बता दें कि इस मामले को लेकर ओबीसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक सरकार लिखित में आश्वासन नहीं देती कि ओबीसी आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. ये प्रदर्शन महाराष्ट्र के जालना जिले के वाडीगोद्री गांव में चल रहा है, जहां 13 जून से ओबीसी कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
पथराव की घटना
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के जालना जिले के वाडीगोद्री गांव में शुक्रवार को अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की एक बस पर पथराव किया. यह घटना तब घटी जब बस छत्रपति संभाजीनगर से बीड जा रही थी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस पथराव में कोई हताहत नहीं हुआ.
प्रदर्शन का बढ़ता दायरा
ओबीसी समाज के प्रदर्शन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. उनके आंदोलन का असर राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी देखा जा रहा है. टायर जलाकर और सड़कों पर बैठकर वे अपनी मांगों को जोर-शोर से रख रहे हैं. इससे सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है.
सरकार की प्रतिक्रिया
इस संबंध में सरकार ने पेपर लीक और आरक्षण विवाद जैसे मुद्दों पर सख्त कदम उठाए हैं। पेपर लीक विरोधी कानून लागू करके सरकार ने दिखा दिया है कि वह शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए गंभीर है. अब, ओबीसी आरक्षण विवाद पर भी सरकार को स्पष्ट रुख अपनाना होगा..
सामाजिक और राजनीतिक असर
वहीं ओबीसी समाज के इस आंदोलन का असर न केवल महाराष्ट्र में बल्कि देशभर में देखा जा रहा है. इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी महत्वपूर्ण हैं. वे सरकार के इस नए कदम का समर्थन करेंगे या विरोध, यह देखना बाकी है.
HIGHLIGHTS
- आरक्षण के मुद्दे पर घिरी महाराष्ट्र सरकार
- अब सड़कों पर उतरी OBC समाज
- प्रदर्शन का बढ़ता दायरा से समाज में हलचल
Source : News Nation Bureau