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महाराष्ट्र की सियासत में बड़े उलटफेर के संकेत! जयंत पाटिल से मिले अजित गुट के विधायक

महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार और शरद पवार के बीच की तकरार ने एक नया मोड़ ले लिया है. अजित पवार गुट के विधायकों का शरद पवार गुट से संपर्क बढ़ना आगामी विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

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Ritu Sharma
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव( Photo Credit : News Nation )

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Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से बड़े उलटफेर की चर्चा चल रही है. जानकारी मिली है कि अजित पवार गुट (एनसीपी) के कुछ विधायक वापस शरद पवार के गुट में शामिल होने की संभावना जता रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, अजित पवार गुट के चार से पांच विधायकों ने एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल से मुलाकात की है. एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल विधानमंडल के काम से आए थे और इसी दौरान अजित पवार गुट के चार से पांच विधायकों ने एक दफ्तर में उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान जितेंद्र आव्हाड, राजेश टोपे और अनिल देशमुख भी उपस्थित थे. यह मुलाकात शरद पवार के गुट के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकती है.

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विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार को झटका?

बताया जा रहा है कि जिन विधायकों ने जयंत पाटिल से मुलाकात की, उनमें से दो नासिक इलाके के हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान प्याज के मुद्दे ने महाराष्ट्र की राजनीति में गर्मी ला दी थी, जिसका असर महायुति पर भी पड़ा. इस मुद्दे के चलते कई नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.

रोहित पवार की प्रतिक्रिया

वहीं विधायक रोहित पवार ने इस पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि जयंत पाटिल एक अनुभवी नेता हैं और वे जानते हैं कि कब कौन सा कार्ड खेलना है. रोहित पवार ने कहा कि यह तो एक शुरूआत है और लोकसभा चुनाव के मौके पर यह बात सामने आ चुकी है कि शरद पवार महायुति के नेताओं से कहीं आगे हैं. जो भी अच्छा है उसका स्वागत है, लेकिन जिन विधायकों ने उन्माद फैलाया और जनभावना के खिलाफ स्टैंड लिया, उन पर फैसला शरद पवार और जयंत पाटिल लेंगे.

अजित पवार को दरकिनार करने की कोशिश?

आपको बता दें कि रोहित पवार ने कहा कि अब अजित पवार को जानबूझकर दरकिनार किया जा रहा है. बीजेपी अजित पवार के विधायकों को मैदान में उतारने की भूमिका सिर्फ शरद पवार के वोट काटने के लिए ही देखती है, लेकिन विधायक इतने खुले नहीं हैं. ऐसे में बीजेपी के साथ रहने पर अजित पवार को 20 से 22 सीटें मिलेंगी. यदि वे स्वतंत्र रूप से लड़ते हैं, तो उनके विधायक हर जगह खड़े होंगे, लेकिन वे केवल वोट काटने के लिए वहां होंगे और उनमें से कोई भी निर्वाचित नहीं होगा.

राजनीतिक संकेत

इसके साथ ही आपको बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है. अजित पवार गुट के विधायकों का शरद पवार के गुट से संपर्क बढ़ना आगामी विधानसभा चुनावों में एक बड़ा उलटफेर ला सकता है. यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह स्थिति कैसे विकसित होती है और एनसीपी के दोनों गुटों के बीच यह तकरार किस दिशा में जाती है.

HIGHLIGHTS

  • महाराष्ट्र की सियासत में बड़े उलटफेर के संकेत!
  • जयंत पाटिल से मिले अजित गुट के विधायक
  • विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार को झटका?

Source : News Nation Bureau

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