Shivaji Statue Collapsed News: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित ऐतिहासिक राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2023 में किया था, 26 अगस्त को अचानक गिर गई. इस घटना ने राज्य में गहरे असंतोष का माहौल बना दिया है और विपक्षी दलों ने इसे लेकर आक्रामक रुख अपनाया है.
विपक्ष का आक्रोश और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि घटना के बाद महाविकास अघाड़ी के वरिष्ठ नेताओं जैसे सतेज पाटिल, आदित्य ठाकरे, अंबादास दानवे, वैभव नाइक, जयंत पाटिल और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मौके का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. एनसीपी के प्रमुख शरद पवार और संजय राउत ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना के लिए माफी मांगी और मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है. मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मुद्दे पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने का आश्वासन भी दिया.
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आम्ही राजकोट किल्ल्यावर गेलो म्हणून मुख्यमंत्र्यांनी छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या पुतळ्याच्या प्रकरणात एक समिती नेमली. हा विषय महाराष्ट्राच्या आत्म्याशी जोडलेला असल्याने काही विषय मांडतो आहे. मुख्यमंत्री @mieknathshinde शिवरायांप्रती आत्मीयता बाळगून असतील तर यावर उत्तर देतील..
— Ambadas Danve (@iambadasdanve) August 30, 2024
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विपक्ष के सवाल - 'शिंदे सरकार की भूमिका पर सवालिया निशान'
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने इस घटना को लेकर चार महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं, जो इस विवाद को और गहरा कर रहे हैं.
समिति की योग्यता पर सवाल: अंबादास दानवे ने सवाल किया कि क्या इस समिति में शामिल सदस्यों के पास मूर्तिकला का कोई अनुभव है? क्या वे गिर गई मूर्ति का सही अध्ययन करने के योग्य हैं?
मूर्ति की ऊंचाई और उसकी सुरक्षा: दानवे ने यह भी पूछा कि क्या मूर्ति की ऊंचाई का वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था? क्या इस ऊंचाई को किले की संरचना और द्वीप की मजबूती के अनुसार तय किया गया था, या इसे केवल राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते बढ़ाया गया था?
किले की मूल संरचना का अनादर: दानवे ने तीसरा सवाल यह उठाया कि क्या किले की पुरानी संरचना को दरकिनार कर आधुनिक निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया था, जिससे उसकी प्राचीनता प्रभावित हुई?
विशेषज्ञों की अनदेखी: चौथा सवाल उठाते हुए दानवे ने पूछा कि क्या कुछ विशेषज्ञों को जानबूझकर समिति से बाहर रखा गया, ताकि मौजूदा सदस्यों के प्रति पक्षपात किया जा सके?
मूर्ति निर्माण से जुड़े विवाद
वहीं बता दें कि इस बीच शिवाजी महाराज की मूर्ति के निर्माणकर्ता जयदीप आप्टे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. हालांकि, निर्माण सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा. बहरहाल, इस पूरी घटना ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है और सरकार की साख पर सवाल उठने लगे हैं. अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं.