देश के कई राज्यों में कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट गहरा गया है. कोयला और बिजली संकट को लेकर राजनीतिक दलों के बीच भी घमासान छिड़ा हुआ है. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि हमने कोयले की सप्लाई जारी रखी हुई है. हम राज्यों से अपील करते हैं कि वो अपने यहां स्टॉक की क्षमता को बढ़ा लें. जिससे वहां पर कोयले की किल्लत नहीं रहेगी. कोयला मंत्री ने कहा कि सोमवार को 1.94 मिलियन टन कोयले की सप्लाई की गई थी. उन्होंने कहा कि जहां तक राज्यों का सवाल है, इस साल जून तक राज्यों से कोयले का स्टॉक बढ़ाने का अनुरोध किया था.
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वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में भी कोयले का संकट देखा जा रहा है. महाराष्ट्र के 7 पावर प्लांट में भी कोयले का काफी कम स्टॉक बचा हुआ है. महाराष्ट्र के कोराडी पावर प्लांट में आधे दिन, खापरखेड़ा प्लांट में करीब 1 दिन, पारस प्लांट में करीब एक दिन, भुसावल प्लांट में करीब डेढ़ दिन, चंद्रपुर पावर प्लांट में करीब पौने दो दिन, नासिक प्लांट में करीब दो दिन और परली प्लांट में 2 दिन का कोयला बचा हुआ है. बता दें कि महाराष्ट्र के 27 यूनिट में से कोयले की कमी की वजह से 7 बिजली उत्पादन यूनिट बंद हैं.
बता दें कि कोयला मंत्री ने कहा है कि बारिश की वजह से कोयले की कमी देखने को मिली थी. जिसकी वजह से कोयले का दाम 60 रुपए प्रति टन से 190 रुपए प्रति टन तक बढ़ गए है. इसकी का परिणाम है कि कुछ कोयला पॉवर प्लांटर 15—20 दिनों से बंद भी हो गए या फिर उनकी उत्पादन क्षमता बहुत कम रह गई है. यही वजह है कि घरेलु कोयला सप्लाई को दबाव झेलना पड़ रहा है.
HIGHLIGHTS
- महाराष्ट्र के 7 पावर प्लांट में कोयले का काफी कम स्टॉक बचा हुआ है
- कोयले की कमी से महाराष्ट्र के 27 यूनिट में से 7 बिजली उत्पादन यूनिट बंद