कोरोना के खतरे से अभी महाराष्ट्र उबर भी नहीं पाया है कि अब पुणे में जीका वायरस का खतरा मंडरा रहा है. चिंता की बात यह है कि एक या दो नहीं बल्कि पूरे 79 गांव में इसके मामले सामने आने के हड़कंप मच गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है. प्रशासन की ओर से इन गांवों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि इन गांवों में पिछले तीन साल से डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सामने आ रहे हैं.
पिछले दिनों पुणे के बेलसर गांव में जीका वायरस की 50 वर्षीय पहली मरीज मिली थी. इसके बाद महाराष्ट्र राज्य से लेकर केंद्र तक हड़कंप मच गया था. केंद्र की एक टीम इसकी जांच के लिए पुणे भी पहुंची थी. इसके बाद से लगातार बैठकें जारी हैं. केंद्रीय जांच दल भी जीका वायरस संक्रमण की मौजूदा स्थिति, जीका वायरस के रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी सहित कई अन्य पहलुओं को भी समझने का प्रयास कर रहा है.
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जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने बताया कि जिले के 79 गांवों पर जीका वायरस का खतरा मंडरा रहा है. इसके बाद यहां अलर्ट जारी किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट मोड पर किया गया है. उन्होंने बताया कि डीएम ने कहा कि जिले के जिन 79 गांवों में पिछले तीन वर्षों से लगातार डेंगू, चिकनगुनिया जैसे मामले आ रहे हैं, उन गांवों को अति संवेदनशील की लिस्ट में रखा गया है. इन गांव के लोगों, अधिकारियों और इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट जारी किया गया है.
क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं लेकिन इस वायरस से संक्रमित मच्छर दिन और रात दोनों समय किसी को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं. एडीज मच्छर को एई के नाम से भी जाना जाता है, इजिप्टी और एई. इस बीमारी में बुखार, सिरदर्द, आंखों का लाल होना, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत सामने आ सकती है.
HIGHLIGHTS
- पुणे के एक गांव में मिला था जीका वायरस का मरीज
- महाराष्ट्र प्रशासन से लेकर केंद्र तक मचा हड़कंप
- 18 और बीमार लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया
Source : News Nation Bureau