Pune Porsche Case: महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्शे कार हत्याकांड मामले में एक नया अपडेट सामने आया है. दरअसल इस मामले में कल्याणी नगर इलाके में नशे की हालत में एक 17 वर्षीय नाबालिग ने स्कूटी सवार दो लोगों को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि दोनों ही मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले में पहले नाबालिग फिर उसके पिता, दादा औऱ मां की भी गिरफ्तारी हुई थी. नाबालिग के परिजनों पर सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप थे. हालांकि इस मामले में अब नाबालिग को जमानत मिल चुकी है. लेकिन इस बीच एक बड़ी बात सामने आई है. दरअसल इस नालाबिग ने हादसे के 42 दिन बाद एक निबंध लिखा है और इस निबंध का टॉपिक जमानत है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का निर्देश
पुणे पोर्शे मामले में हिरासत में लिए गए नाबालिग को जब जमानत दी गई तो उस दौरान जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक निर्देश भी दिया. इसके तहत नालाबिलग को 300 शब्दों में एक निबंध लिखने को कहा गया था. हालांकि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के इस फैसले की आलोचना हुई थी, लेकिन हादसे के बाद नालाबिग ने इस एक्सीडेंट के 42 दिन बाद निबंध लिखा.
जमानत पर लिखा निबंध
नाबालिग ने जिस टॉपिक पर निबंध लिखा वह था जमानत. बताया जा रहा है कि माइनर ने 300 शब्दों में अपना निबंध जमानत विषय पर लिखकर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में जमा कर दिया है.
कब मिली नाबालिग को बेल
पुणे पोर्शे मामले में नाबालिग को बीते महीने यानी 25 जून को जमानत दी गई है. जबकि ये एक्सीडेंट 19 मई को हुआ था. यानी दुर्घटना के एक महीने के बाद नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की ओर से बेल दी गई है. हालांकि इस मामले में नाबालिग के पिता, दादा और मां को भी अरेस्ट किया गया था. इन सभी पर सबूतों से छेड़छाड़ को बच्चे को बचाने के लिए गलत स्टेटमेंट देने का भी आरोप लगाया गया है.
बॉम्बे उच्च न्यायालय की ओर से कहा गया है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सभी आदेश लागू रहेंगे. बता दें कि बोर्ड की ओर से नाबालिग को जो जमानत दी गई उस दौरान उनसे साढ़े सात-साढ़े सात हजार को दो बॉन्ड भी साइन कराए गए.
Source : News Nation Bureau