तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर मर्डर केस में पुणे सेशंस कोर्ट ने दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि पिछले दिनों सीबीआई (CBI) ने दोनों आरोपियों की 14 दिनों की हिरासत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया और दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
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सीबीआई ने बीते शनिवार को पुणे की विशेष अदालत से कहा कि नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार वकील संजीव पुनालेकर (Sanjeev Punalekar) और उनके सहायक विक्रम भावे (Vikram Bhave) जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. अतिरिक्त सत्र अदालत के जस्टिस एवी रोट्टे ने सीबीआई के अनुरोध पर इन दोनों आरोपियों की रिमांड चार जून तक बढ़ा दी है. हालांकि, सीबीआई ने 14 दिनों की हिरासत मांगी थी.
Pune Sessions Court has rejected CBI's plea seeking 14 more days custody of two accused Sanjeev Punalekar and Vikram Bhave in Narendra Dabholkar murder case. Both the accused have been sent to judicial custody. pic.twitter.com/sizIIXXw5Z
— ANI (@ANI) June 4, 2019
बता दें कि सीबीआई ने दोनों आरोपियों को दाभोलकर की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में बीते 26 मई को गिरफ्तार किया था. हिंदू विधिज्ञा परिषद के कथित पदाधिकारी पुनालेकर ने 2013 के इस हत्याकांड में कुछ आरोपियों की पैरवी की थी. सीबीआई ने कहा था कि पुनालेकर ने दाभोलकर के कथित शूटर में से एक शरद कालास्कर को हथियारों को नष्ट करने के लिए कहा था, जबकि भावे ने इसमें उसकी मदद की थी.
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विशेष लोक अभियोजक (एसएसपी) प्रकाश सूर्यवंशी ने पिछले दिनों अदालत को बताया था कि पुनालेकर और भावे जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं तथा उनसे पूछताछ के लिए और वक्त चाहिए. पुनालेकर का एक मोबाइल फोन, दो लैपटॉप बरामद किया गया है और मोबाइल के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है. आगे जांच के लिए पुनालेकर से पूछताछ की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि पुनालेकर केवल वकील नहीं हैं, बल्कि वह सनातन संस्था से भी जुड़े हुए हैं. उन्होंने मामले में अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची थी. उन लोगों के साथ भी, जो आरोपपत्र में नामजद हैं. भावे के बारे में सूर्यवंशी ने कहा कि आरोपी 2008 के ठाणे बम विस्फोट मामले में दोषी है. उन्होंने कहा कि भावे भी जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहा है.
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दाभोलकर मामले में सीबीआई ने सनातन संस्था के सदस्य और ईएनटी सर्जन विरेंद्रसिंह तावड़े और कथित शूटर सचिन अंडुरे और शरद कालस्कर को गिरफ्तार किया है. सीबीआई के अनुसार, सचिन आंदुरे और शरद कालास्कर ने 20 अगस्त 2013 को अंधविश्वास के खिलाफ काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर को उस समय कथित तौर पर गोली मारी थी, जब वह पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह की सैर कर रहे थे.
Source : News Nation Bureau