Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी हलचलें थमने का नाम ही नहीं ले रही है. महज तीन महीने में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाला है और इस बीच अलग-अलग पार्टी के नेताओं का एक-दूसरे से मिलने का दौर थम ही नहीं रहा है. 2024 लोकसभा चुनाव के बाद से ही महाराष्ट्र में दलबदल थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले भी कई नेता अपना पाला बदल सकते हैं. इसे लेकर महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में कयास का दौर जारी है.
#WATCH मुंबई, महाराष्ट्र: MNS प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके आधिकारिक आवास वर्षा बंगले पर उनसे मुलाकात की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2024
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सीएम शिंदे से मिलने पहुंचे राज ठाकरे
इस बीच शनिवार को प्रदेश से बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है. एक तरफ शनिवार की सुबह मनसे पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे. दोनों के बीच करीब 1 घंटे की मुलाकात हुई. इस दौरान महाराष्ट्र के विकास कार्यों से जुड़े कई तरह की मुद्दों पर चर्चा की गई.
#WATCH | Mumbai: NCP-SCP chief Sharad Pawar meets Maharashtra CM Eknath Shinde at Varsha Bungalow over Maratha reservation and other issues.
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शरद पवार और शिंदे की हुई मुलाकात
वहीं, ठाकरे के बाद शरद पवार भी सीएम शिंदे से मिलने के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या बातें हुई. यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन कयास यह लगाए जा रहे हैं कि पवार ने शिंदे से मराठा आरक्षण को लेकर अब तक क्या प्रयास किए गए हैं. बता दें कि 22 जुलाई को भी शरद पवार और शिंदे की मुलाकात हुई थी. इस दौरान शिंदे ने भरोसा दिलाया था कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों को बुलाया जाएगा. शिंदे की यह मुलाकात आरक्षण से ही जोड़ कर देखा जा रहा है.
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जानें इन मुलाकात के सियासी मायने
दूसरी तरफ राज ठाकरे और शिंदे की मुलाकात में मुंबई में बीडीडी चॉल के पुनर्विकास, पुलिस कॉलोनियों के पुनर्विकास समेत विभिन्न मुद्दों पर बात हुई. बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे यह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अकेले ही चुनाव लड़ेंगे. इससे यह स्पष्ट है कि वह महायुति के साथ चुनाव ना लड़कर अकेले चुनाव लड़ने जा रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो यह एनडीए के लिए ही फायदेमंद होगा क्योंकि लोकसभा के नतीजों ने महायुति को काफी निराश किया था. मनसे के अकेले चुनाव लड़ने से मराठा वोटर्स का फायदा एनडीए को पहुंच सकता है.
तीन महीने में विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं. मनसे 200-250 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है. वहीं, एनडीए में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. एकनाश शिंदे (शिवसेना) और अजित पवार (एनसीपी) को कितनी सीटें मिलती है. फिलहाल यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. वहीं, महाविकास अघाड़ी में भी अब तक सीटों का फॉर्मूला तय नहीं किया गया है. उद्धव ठाकरे (शिवसेना), शरद पवार (एनसीपी) और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा किया जाना है. लोकसभा में महाविकास अघाड़ी का प्रदर्शन प्रदेश में काफी अच्छा रहा है, जो महायुति के लिए चुनौती बनी हुई है. इस बीच मराठा आरक्षण की मांग एनडीए की मुश्किलें बढ़ा सकती है.