Maharashtra Politics, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन पर बड़ा हमला बोला है. राज ठाकरे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना का, एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाना महाराष्ट्र की राजनीति के लिए ठीक नहीं है. राज ठाकर ने अघाड़ी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लोग महा विकास अघाड़ी सरकार से खुश नहीं हैं. एमएनएस प्रमुख ने भविष्यवाणी की कि इस गठबंधन के नतीजों को अगले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महसूस किया जाएगा.
बीजेपी-शिवसेना पर राज ठाकरे का हमला
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने में महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम को महाराष्ट्र की जनता का अपमान बताया है इसके अलावा एमएनएस प्रमुख ने पूर्ववर्ती शिवसेना-बीजेपी गठबंधन पर भी हमला बोला. राज ठाकरे ने कहा कि शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र की जनता की भावनाओं का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस चुनाव में दागदार थे जनता ने उन्हें सबक सिखाया था लेकिन शिवसेना ने धोखे से उन लोगों के साथ सरकार बना ली अब महाराष्ट्र की जनता इस गठबंधन वाली सरकार से खुश नहीं है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र की विधानसभा में एमएनएस का महज एक विधायक है और वो भी बीजेपी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन के साथ है. वहीं मनसे विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में हिस्सा नहीं लिया था.
अजीत पवार को सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट
महाराष्ट्र में यूपीए सरकार के दौरान हुए सिंचाई घोटाले के मामले में आरोपी रहे एनसीपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने हालांकि यह कार्रवाई देवेंद्र फडणवीस के दोबारा सीएम बनने के दौरान हुई. ब्यूरो की तरफ से बांबे हाई कोर्ट को दिए शपथपत्र में कहा गया है कि राकांपा नेता अजीत पवार के विरुद्ध कोई आपराधिक मामला नहीं बनता. 19 दिसंबर को उच्च न्यायालय में एसीबी के महानिदेशक परमवीर सिंह की ओर से विदर्भ सिंचाई घोटाले में शपथपत्र देकर अजीत पवार को बेदाग बताया गया है. आपको बता दें कि साल 1999 से 2009 के बीच महाराष्ट्र में 70 हजार करोड़ रुपये का सिंचाई घोटाला हुआ था जिस दौरान अजित पवार सूबे के सिंचाई मंत्री हुआ करते थे.
वहीं पूर्व सीएम देवेद्र फडणवींस ने सिंचाई घोटाले में अजीत पवार को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले की आलोचना की है. आपको बता दें कि लगभग एक महीने पहले अजित पवार के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले बीजेपी के पूर्व सीएम फडणवीस ने कहा है कि हम इस शपथपत्र को नहीं मानते हैं और अब हाईकोर्ट को भी इसे नहीं मानना चाहिए इसमें मंत्रियों को बचाकर अधिकारियों को फंसाने की कोशिश की जा रही है.
Source : News Nation Bureau