महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए सम्मन का सम्मान करेंगे. इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से शांत रहने की अपील भी की. इस मुद्दे पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में ठाकरे ने सभी मनसे कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले हस्ताक्षरित बयान में कहा कि मार्च-2006 में पार्टी की स्थापना के बाद से उनके और कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनगिनत मामले दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने कहा, "हम सभी ने हर बार जांच एजेंसियों और अदालत द्वारा भेजे गए नोटिस का सम्मान किया है. इस बार भी हम सभी को ईडी द्वारा भेजे गए सम्मन का सम्मान करना चाहिए." राज्यभर से राज के हजारों समर्थकों और मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई में गुरुवार के प्रस्तावित शक्ति प्रदर्शन के बाद ठाकरे की यह प्रतिक्रिया आई है.
उन्होंने कहा, "इस बात को ध्यान में रखते हुए मैं निवेदन करता हूं कि 22 अगस्त को शांति और सद्भाव बनाकर रखें. कोई नुकसान या क्षति नहीं होनी चाहिए. किसी भी सार्वजनिक संपत्ति और आम आदमी को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए. कृपया सुनिश्चित करें कि इसका पूरी तरह से पालन किया जाए। भले ही आपको उकसाया जाए, मगर आप शांति बनाए रखें."
इससे पहले वरिष्ठ मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने इसी तरह की अपील की. सदस्यों के बीच बढ़ती तनातनी के बीच इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए ठाकरे द्वारा पार्टी नेताओं की एक आपात बैठक भी आयोजित की गई थी. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से शांत रहने और शरारती तत्वों को पार्टी की छवि खराब न करने देने का आग्रह किया. उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं से ईडी कार्यालय में क्रमबद्ध और शांतिपूर्ण तरीके से आने की अपील की.
नांदगांवकर ने कहा, "इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन जैसे मुद्दों को उठाने के बाद राज ठाकरे पूरे भारत में जनता के बीच बहुत लोकप्रिय हो गए हैं. 22 अगस्त को ईडी के नोटिस पर पेश होने के संबंध में लोगों में भारी चिंता है." उन्होंने कहा, "यह संभव है कि सत्तारूढ़ दल के कुछ उपद्रवियों ने जानबूझकर गड़बड़ी पैदा करने और मनसे को बदनाम करने की कोशिश की है. हमारे कार्यकर्ताओं को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए."
उन्होंने कहा कि अगर आम लोग ठाकरे के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए ईडी के पास जाना चाहते हैं, तो मनसे कार्यकर्ताओं को उन्हें ऐसा करने से नहीं रोकना चाहिए. रविवार को ईडी द्वारा ठाकरे और उनके कारोबारी सहयोगी रहे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी के बेटे अनमेश जोशी सहित एक अन्य सहयोगी को ईडी द्वारा नोटिस भेजा गया था. इसके बाद राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई थी.
माना जा रहा था कि ईडी के इस कदम का विरोध करने के लिए मनसे राज्य में किसी तरह का बंद या आंदोलन कर सकती है. मगर ठाकरे के बयान के बाद इस तरह की अटकलों पर अब विराम लग गया है.
Source : आईएएनएस