Rajya Sabha By Election 2024: महाराष्ट्र में राज्यसभा की दो खाली सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने धैर्यशील पाटिल को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. धैर्यशील पाटिल बीजेपी के दक्षिण रायगढ़ जिले के अध्यक्ष हैं और पार्टी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. महाराष्ट्र में धैर्यशील पाटिल की उम्मीदवारी के बाद राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीति गरमाने लगी है.
राज्यसभा सीटें कैसे खाली हुईं?
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी के राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल और उदयनराजे भोसले के लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनने के बाद राज्यसभा की ये दो सीटें खाली हो गई थीं. इससे अब राज्यसभा के लिए नए उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चुनाव आयोग ने इन सीटों के लिए चुनाव की घोषणा कर दी है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त तय की गई है.
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अजित पवार की एनसीपी की रणनीति
वहीं अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी अपने उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, एनसीपी ने नितिन पाटिल को टिकट देने का मन बना लिया है. हालांकि अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है. एनसीपी का यह कदम बीजेपी के खिलाफ चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है और पाटिल के नाम की घोषणा से चुनावी मुकाबला और भी रोचक हो जाएगा.
महायुति गठबंधन का प्रभाव
वहीं महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे, अजित पवार और बीजेपी का गठबंधन ''महायुति'' राज्य की राजनीति में एक प्रमुख ताकत बन चुका है. इस गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में पर्याप्त संख्याबल है, जिससे राज्यसभा की दोनों सीटें जीतने में एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) को किसी बड़ी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा. राज्यसभा में महाराष्ट्र की कुल 19 सीटें हैं और महायुति की मजबूत पकड़ को देखते हुए बीजेपी और एनसीपी के उम्मीदवारों के जीतने की संभावना प्रबल है.
चुनावी प्रक्रिया और संभावनाएं
इसके अलावा आपको बता दें कि बीजेपी और एनसीपी के उम्मीदवारों के मैदान में उतरने के साथ ही राज्यसभा चुनाव की स्थिति और भी स्पष्ट हो गई है. धैर्यशील पाटिल की उम्मीदवारी से बीजेपी ने एक सशक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जो पार्टी के अंदर और बाहर अपनी पहचान बना चुके हैं. वहीं, एनसीपी के नितिन पाटिल के मैदान में उतरने से चुनावी संघर्ष में और भी तीखापन आ जाएगा.
बहरहाल, महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्यसभा के चुनाव में किस तरह की रणनीति अपनाई जाती है और महायुति गठबंधन अपनी स्थिति को किस तरह से मजबूत करता है. चुनाव परिणाम आने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि महाराष्ट्र की राजनीति में इन नए राज्यसभा सांसदों की भूमिका क्या होगी और वे राज्य की जनता के लिए किस तरह की नीतियों का समर्थन करेंगे.