Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले लगातार नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की जुबान फिसल गई और उन्होंने विवादित बयान दे दिया. संजय राउत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को बंदर का बेटा कह दिया. राउत यही नहीं रुके, आगे उन्होंने श्रीकांत की मेडिकल डिग्री पर भी सवाल खड़े कर दिए और कहा कि जिसे उद्धव ठाकरे जी ने सांसद बनाया, उसकी औकात नहीं थी. आज सांसद बन गया तो उद्धव ठाकरे के बारे में बात कर रहा है, उसे शर्म आनी चाहिए.
एकनाथ शिंदे के बेटे को बताया- बंदर का बेटा
दरअसल, 2022 में बालासाहब ठाकरे की शिवसेना दो गुटों में बंट गई. एक उद्धव ठाकरे गुट में और दूसरी एकनाथ शिंदे गुट में. दोनों गुटों में दरार इतनी बढ़ गई कि आए दिन दोनों गुट के नेता एक-दूसरे पर तीखी प्रतिक्रिया देते रहते हैं. इस बीच सीएम शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा था कि बंदर के हाथ में मशाल. इसके साथ ही श्रीकांत ने यह भा कहा था कि बाप, बेटा और प्रवक्ता हर रोज सुबह उठकर लोगों को गालियां देते हैं.
श्रीकांत शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर कहा था- बंदर के हाथ में मशाल
इसी पर पलटवार करते हुए संजय राउत ने श्रीकांत को बंदर का बेटा कह दिया. साथ ही यह भी कहा कि शिंदे उद्धव ठाकरे के पास आया था और बेटे के पास काम नहीं है बोलकर रोजगार दिलाने की बात कही थी. श्रीकांत की शिक्षा पर सवाल खड़े करते हुए राउत ने कहा कि उसके पास मेडिकल का ज्ञान नहीं है, फिर भी डॉक्टर है. जब उसके पास काम नहीं था तो सांसद बनाए जाने के लिए नाक रगड़ रहा था और आज ठाकरे पर ही बोल रहा है.
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पांच सालों में तीन बार बदले सीएम
महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं. किसी भी पार्टी को बहुमत प्राप्त करने के लिए 145 सीट चाहिए. पिछले पांच साल की बात करें तो पांच सालों में प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री बन चुके हैं. 2019 विधानसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत मिली थी, लेकिन बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर दरार आ गई. बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी तो वहीं शिवसेना को 56 सीटें मिली थी. जब सीएम पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी में ठन गई तो दोनों पार्टियों ने अपना सालों का गठबंधन तोड़ दिया. जब राज्य में सरकार बनाने पर सहमति नहीं बनी तो वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.
विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए चाहिए 145 सीट
वहीं, कुछ दिनों बाद राष्ट्रपति शासन हटाते हुए 23 नवंबर, 2019 देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. वहीं, अजीत पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया. हालांकि भाजपा बहुमत साबित करने में असफल साबित हुई और तीन दिन बाद ही सीएम और डिप्टी सीएम ने इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) ने मिलकर महाविकास अघाड़ी का गठन किया और अपनी सरकार बनाई. 28 नवंबर, 2019 को उद्धव ठाकरे ने प्रदेश के सीएम के रूप में शपथ ली. ठाकरे नवंबर, 2019 से लेकर मई, 2022 तक सीएम पद पर बने रहे. इस बीच शिवसेना में दरार आ गई और पार्टी दो गुटों में बंट गई. पार्टी शिंदे और ठाकरे में बंट गई. जिसके बाद शिंदे ने एनडीए से हाथ मिला लिया और एक बार फिर से प्रदेश में एनडीए की सरकार आई. वहीं, 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया गया.