महाराष्ट्र में गरमाई सियासत, आखिर रवींद्र वायकर की जीत पर क्यों उठ रहे सवाल

मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट पर रवींद्र वायकर की 48 वोटों से जीत ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है. ईवीएम से जुड़े मोबाइल फोन के आरोपों ने इस विवाद को और भी गंभीर बना दिया है.

author-image
Ritu Sharma
New Update
sanjay rawat

संजय राउत( Photo Credit : News Nation )

Advertisment

Sanjay Raut on Ravindra Waikar: इस समय महाराष्ट्र के राजनीतिक क्षेत्र में काफी हलचल मची हुई है, जहां शिंदे गुट के सांसद रवींद्र वायकर द्वारा मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से मात्र 48 वोटों से जीत दर्ज करने को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. बता दें कि वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन कथित तौर पर ईवीएम से जुड़ा होने के आरोपों ने इस विवाद को और भी गहरा बना दिया है. इस विवाद के बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने एनडीए और महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला है.

संजय राउत का हमला

आपको बता दें कि संजय राउत ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर इस मामले को लेकर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा, ''वनराई थाने के इंस्पेक्टर पीआई राजभर अचानक छुट्टी पर क्यों चले गए? वायकर का खास आदमी, जो उनका रिश्तेदार बताया जाता है, उस पर आरोप है कि उसने पुलिस स्टेशन से रवींद्र वायकर का मोबाइल फोन बदलने की कोशिश की. सेवानिवृत्त पीआई सातारकर चार दिन से वनराई पुलिस स्टेशन में कार्यरत थे? वनराई पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज को तुरंत जब्त कर जांच की जानी चाहिए.''

वहीं संजय राउत ने आगे कहा, ''रवींद्र वायकर की जीत असली नहीं है. सुना है कि जिस फोन की बात हो रही है उसे फोरेंसिक लैब में भेज दिया गया है. पुणे में पोर्शे कार दुर्घटना के मामले में निर्दोष आरोपियों के खून के सैंपल को लैब कर्मचारियों द्वारा बदल दिया गया और उन्हें क्लीन चीट दे दी गई!''

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने इस मुद्दे को और जोर-शोर से उठाते हुए 'मिड डे' अखबार की एक रिपोर्ट का हवाला दिया. कांग्रेस ने सवाल उठाया कि ईवीएम से जुड़ा यह गंभीर मामला कैसे हुआ. मुंबई में महायुति के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन कथित तौर पर ईवीएम से जुड़ा था. कांग्रेस ने पूछा कि वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन जहां वोटों की काउंटिंग हो रही थी, वहां कैसे पहुंचा? इस बारे में चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए.

यह भी पढ़ें: अमरावती से क्यों हारी नवनीत राणा? चर्चा में है उनका नया बयान

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि इस मामले को लेकर आरोप है कि लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव के नेस्को वोटिंग सेंटर में मोबाइल आदि के इस्तेमाल पर पाबंदी होने के बावजूद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर ने कथित तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल किया था. मंगेश को मोबाइल चुनाव आयोग के एक कर्मचारी दिनेश गुरव ने मुहैया कराया था. इस मामले की शिकायत मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की अतिरिक्त सहायक चुनाव अधिकारी सुचित्रा पाटील ने वनराई पुलिस में की थी. साथ ही शिवसेना (यूबीटी) नेता अमोल कीर्तिकर को 4,52,596 वोट और रवींद्र वायकर को 4,52,644 वोट मिले थे. री-काउंटिंग के बाद वायकर 48 वोटों से विजेता घोषित किए गए थे.

चुनाव आयोग की भूमिका

इस मामले में चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. चुनाव आयोग का कर्तव्य होता है कि वह चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करे. इस विवाद के मद्देनजर चुनाव आयोग को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए और जनता को विश्वास दिलाना चाहिए कि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है.

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इसके अलावा आपको बता दें कि इस विवाद पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं. भाजपा ने इस मामले में वायकर का समर्थन किया है और कहा है कि यह विपक्ष की साजिश है। वहीं, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

Source : News Nation Bureau

Maharashtra Politics hindi news maharashtra goevrnment Sanjay Raut election commission mumbai news Maharashtra Cm maharashtra political news ShivSena Shivsena vs Shivsena sanjay raut news Mumbai North West seat Ravindra Waikar Sivsena UBT
Advertisment
Advertisment
Advertisment