Sanjay Raut: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में एक वर्ष बाद भी शांति स्थापित नहीं हो सकी. पूर्वोत्तर राज्य के हालात पर प्राथमिकता के साथ विचार होना चाहिए. उद्धव शिवसेना के नेता संजय राउत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, सरकार तो उनके आशीर्वाद से चल रही है, कहा- बोलने से क्या होता है. मोहन भागवत मंगलवार को रेशमबाग में डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में संगठन के ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय’ के समापन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. उन्होंने संबोधित करते हुए कहा था कि विभिन्न स्थानों और समाज में संघर्ष अच्छा नहीं है.
भागवत के अनुसार,'मणिपुर बीते एक वर्ष से शांति स्थापित करने की प्रतीक्षा कर रहा है. दस साल पहले यहां पर शांति थी. ऐसा लग रहा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो चुकी है. यहां पर अचानक हिंसा बढ़ गई है.' उन्होंने कहा,'मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है.'
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RSS चीफ ने जानें क्या बोला
आरएसएस चीफ का कहना था कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई. मगर मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं. बीते वर्ष मई में मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसक वारदाते सामने आई थीं. बीते एक साल में करीब 200 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बड़े पैमाने पर आगजनी के बाद हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं. सरकारी इमारतें और मकान जलकर खाक हो चुके हैं. बीते कई दिनों से जिरीबाम से ताजा हिंसा सामने आई है. भागवत ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और सरकार भी बन चुकी है, इसलिए क्या और कैसे हुआ आदि पर अनावश्यक चर्चा से बचा जा सकता है.
Source : News Nation Bureau