तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए विवादित बयान के बाद विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.इन सवालों के बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने उदयनिधि स्टालिन को बयान देने के लिए हिदायत दी है. राउत ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके बयान का समर्थन नहीं करेगा और किसी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए. यह डीएमके का विचार हो सकता है या उनका निजी विचार है. इस देश में लगभग 90 करोड़ हिंदू रहते हैं और अन्य धर्मों के लोग भी इस देश में रहते हैं. उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती.
मुखपत्र 'सामना' में उदयनिधि के बयान का विरोध
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद बीजेपी के मंत्रियों ने इसका निंदा की और पुरजोर विरोध किया. शिवसेना के मुखपत्र सामना में स्टालिन के बयान पर निशना साधा गया है. सामना के पहले पन्ने पर लिखा गया कि हिंदू धर्म पृथ्वी पर सबसे पुराने धर्मों में से एक है. इस धर्म की स्थापना 5 हजार वर्ष पहले हुई थी. अनेक संकटों, समस्याओं और चोटों के बाद भी इस धर्म का ध्वज पताका लहरा रहा है. महाभारत काल से अब तक अनगिनत लोगों ने इसके लिए बलिदान दिया है. तलवार के बल पर इस सनातन धर्म को बाधित करने का प्रयास किया गया है, लेकिन धर्म की पताका लहरा रही है.
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सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की मांग
बता दें कि डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ 262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा है. इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से खुद दखल देने की मांग की है. इनमें 14 जज, 130 ब्यूरोक्रेट्स और सेना के 118 रिटायर्ड अफसर शामिल हैं. इन्होंने तमिलनाडु सरकार के खिलाफ स्टालिन पर कोई एक्शन ना लेने के लिए कार्रवाई करने की मांग की है.
Source : News Nation Bureau