कोरोना के संक्रमण काल में महाराष्ट्र में राजनीति अपने शबाब पर है. एक दिन पहले रात को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) के आवास पर जाकर मुलाक़ात की थी. उस समय संजय राउत भी वहां मौजूद थे. शिवसेना और एनसीपी इसे सामान्य मुलाक़ात करार दे रहे हैं तो बीजेपी को इस पर सवाल उठाने का मिल गया है. बीजेपी की ओर से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग के बाद यह बैठक हुई. मंगलवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य में सरकार ‘मजबूत’ है. राउत ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच सोमवार देर रात करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत चली. उन्होंने ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार के अस्थिर होने संबंधी अटकलों को खारिज किया. हालांकि उन्होंने इस बारे में जानकारी नहीं दी कि दोनों नेताओं के बीच किस मामले को लेकर बैठक हुई.
यह भी पढ़ें : तब्लीग़ी जमात प्रकरण में 83 विदेशियों के खिलाफ आज दायर होगी चार्जशीट
बीजेपी विधायक राम कदम ने सवाल उठाते हुए पूछा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार को मुख्यमंत्री के घर क्यों जाना पड़ा? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चौहान यह क्यों कह रहे हैं कि संसाधनों की कमी है? महाराष्ट्र में हालत बदतर हैं, ऐसे में उद्धव ठाकरे सरकार को अपनी कुर्सी की पड़ी है.
ठाकरे और पवार के बीच मुलाकात से पहले राकांपा नेता ने सोमवार सुबह राज्य के राज्यपाल बीएस कोश्यारी से मुलाकात की थी. राउत ने मराठी भाषा में ट्वीट किया,‘‘राकांपा प्रमुख शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच डेढ़ घंटे तक बैठक चली. जिन्हें इस सरकार के स्थिर होने पर शंका है, वे अपनी दुर्भावना के कारण ऐसा कर रहे हैं. यह सरकार मजबूत है.’’
इससे पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार सुबह महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोश्यारी से यहां राज भवन में मुलाकात की थी. राकांपा ने दावा किया था कि राज्यपाल के आमंत्रण पर यह मुलाकात हुई है और इसमें किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई. हालांकि बैठक का समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना और राज भवन के बीच पिछले दिनों सामने आए गतिरोध की पृष्ठभूमि में हुई है.
यह भी पढ़ें : अंतरिक्ष की दुनिया में अमेरिका रचेगा इतिहास, कल पूरी दुनिया बनेगी गवाह
राकांपा सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है. पवार महाराष्ट्र के उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने राज्य प्रशासन के कामकाज में ‘हस्तक्षेप’ को लेकर कोश्यारी की खुलकर आलोचना की थी.
Source : News Nation Bureau