महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव ठाकरे (Udhav Thackerey) की सरकार बने 15 दिन भी नहीं हुए हैं कि वहां बखेड़ा होना शुरू हो गया है. पहले नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) पर लोकसभा में दिए समर्थन को लेकर कांग्रेस (Congress) ने न केवल शिवसेना (Shiv Sena) से नाराजगी जताई, बल्कि सरकार से समर्थन वापसी की भी चेतावनी दे डाली. आनन-फानन उद्धव ठाकरे (Udhav Thackerey) और संजय राउत (Sanjay Raut) ने अपने बयानों से डैमेज कंट्रोल किया ही था कि पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी (Manohar Joshi) ने एक तूफानी बयान दे दिया, जिसके बाद शिवसेना और उद्धव ठाकरे की सरकार सकते में आ गई.
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दरअसल मनोहर जोशी ने अपने बयान में कहा था- 'शिवसेना और बीजेपी एक बार फिर जल्द ही साथ आएंगे.' इससे शिवसेना के होश फाख्ता होना स्वाभाविक था. पार्टी ने तत्काल मनोहर जोशी के बयान से खुद को अलग कर एक बार फिर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की.
पार्टी की वरिष्ठ नेता नीलम गोरे ने कहा, मनोहर जोशी का यह व्यक्तिगत बयान है. उसे शिवसेना का आधिकारिक बयान नहीं माना जाए. जोशी का कहना है नेताओं की एक पीढ़ी में इस तरह की भावनाएं बन रही हैं.
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जानकारों का कहना है कि भले ही महाराष्ट्र में NCP और कांग्रेस के सहयोग से शिवसेना ने सरकार बना ली हो, लेकिन उसके कई कार्यकर्ता इस फैसले से नाखुश हैं. शिवसेना के बड़े नेताओं को भी इस बात का अहसास है. यही वजह है कि शिवसेना ने अभी तक हिन्दुत्व का एजेंडा नहीं छोड़ा है. तभी तो उसने लोकसभा में मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो