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शिवसेना ने महाराष्ट्र भाजपा इकाई की आलोचना की, लेकिन PM मोदी एवं अमित शाह की सराहना की; जानें क्यों

शिवसेना (Shiv Sena) ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने विधान परिषद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के निर्वाचन को बाधित करने की कोशिश की.

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Deepak Pandey
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महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे( Photo Credit : फाइल फोटो)

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शिवसेना (Shiv Sena) ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने विधान परिषद में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के निर्वाचन को बाधित करने की कोशिश की. साथ ही पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को राज्य को राजनीतिक अस्थिरता से बचाने का श्रेय दिया. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-कांग्रेस सरकार राज्य में ‘ आत्मनिर्भर’ है.

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संपादकीय में पार्टी ने कहा कि राज्य सरकार के कामकाज में गत छह महीने से बाधा उत्पन्न करने के बाद बावजूद उद्धव ठाकरे विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. संपादकीय में राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला करते हुए कहा गया कि राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद में ठाकरे के नामांकन को बाधित कर सरकार को मुश्किल में डालने की कोशिश की गई. शिवसेना ने सामना में कहा कि कुछ लोगों ने सोचा कि ठाकरे (जो मई के अंत तक विधान परिषद के निर्वाचित होंगे) इस्तीफा देंगे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होगा एवं वे तड़के शपथ ग्रहण कर सत्ता में वापसी कर लेंगे.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद फडणवीस सुबह तड़के दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ राकांपा के अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन विधानसभा में संख्याबल नहीं होने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था. संपादकीय में राज्य के राजनीतिक संकट से बचाने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को रोचक तरीके से श्रेय दिया गया है.

सामना ने लिखा है कि मोदी और अमित शाह ने राज्य में अस्थिरता की अनुमति नहीं दी. मुख्यमंत्री को निर्वाचित नहीं होने देना राजनीतिक रणनीति के तौर पर अच्छा हो सकता है लेकिन ऐसी राजनीति के बारे में तब सोचना जब राज्य कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहा है, ठीक नहीं है. संपादकीय के मुताबिक, मोदी और शाह ने इस वायरस का मुकाबला करने के लिए टीका लगाया और राज्यपाल ने विधान परिषद चुनाव कराने की अनुशंसा की.

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उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के कारण विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव को स्थगित कर दिया गया था लेकिन ठाकरे द्वारा प्रधानमंत्री से फोन पर बात किए जाने के बाद चुनाव की घोषणा की गई. शिवसेना प्रमुख ठाकरे सहित नौ सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. संपादकीय में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकात पाटिल पर भी निशाना साधा है जिसमें उन्होंने सरकार में सहयोगी कांग्रेस की प्रदेश इकाई में राजनीतिक भूचाल आने की भविष्यवाणी की थी.

शिवसेना ने कहा कि जब राज्य कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रहा है तब पाटिल सरकार गिराने का हर प्रयास कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने अजित पवार को अपने साथ लाया था लेकिन पवार अब सरकार को मजबूती दे रहे हैं। अब विपक्ष भी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की तरह आत्मनिर्भर होता है तो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होगी.

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