Shiv Sena symbol : महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न तीर-धनुष को फ्रीज कर दिया है. इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग को चुनाव चिह्न के तौर पर तीन विकल्प दिए हैं. इसे लेकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो हमने कोरोना को मात दी. आज भी लोगों ने सोशल मीडिया पर बतौर परिवार के होने की बात कही है. सब देने के बाद भी जो लोग नाराज हो गए, वो गए. शिवसेना प्रमुख का बेटा मुख्यमंत्री नहीं ये तो ठीक है, लेकिन अब लोग खुद शिवसेना प्रमुख बनने के लिए निकले हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवाजी पार्क में दशहरा रैली ना हो, इसे लेकर कई लोगों ने प्रयास किया. एक तरफ पैसे और चकाचौंध वाले लोग तो दूसरी तरफ सीधा साधा शिवसैनिक आया था. एक विचार के लिए लोग शिवाजी पार्क आए थे. तुम हो मानते हो, इसलिए हम यहां हैं. शिवाजी पार्क आप लोग क्यों आए थे, क्योंकि आप उद्धव बाला साहेब ठाकरे को सुनने आए थे. 1966 में एक बेडरूम-किचन में मार्मिक व्यंग चित्र के जरिए मराठी लोगों पर हुए अन्याय को लेकर व्यंग चित्र बनाते थे.
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उन्होंने कहा कि मेरे दादा ने इस पार्टी का नाम शिवसेना रखा. उस समय कोई साथ नहीं था. ये सब बाल ठाकरे ने बताया था. एक दिन घंटी बजी और दत्ता सालवी नौकरी छोड़ साथ आए, उस समय कुछ भी नहीं था. शिवसेना को पहली सफलता ठाणे में मिली और आगे मुंबई में चुनाव जीते. नेक लोगों ने कारावस भी भोगा है. आज मैं आपके पास आया हूं. चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न धनुष बाण को स्टे किया. चालीस मुंह के रावण ने प्रभु श्रीराम का धनुष बाण लेने की कोशिश की. जिस शिवसेना ने सबकुछ दिया, उसके खिलाफ आपने ये किया.
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस शिवसेना ने हिंदुओं को बचाया, उसके साथ कुठाराघात किया. इस संकट में हमें सुनहरा मौका मिला है. शिवसेना का नारियल जब फोड़ा गया उस समय हमारा परिवार था. उस नारियल का पानी हमें भिगाया था और आज शिवसेना के लोगों के आंसू से हम भीग रहे हैं, लेकिन हम जिद्द से शिवसेना आगे लेकर जा रहे हैं. जिस समय बीजेपी को लगेगा कि उनका काम हो गया उस समय उन्हें कचरे के डिब्बे में फेंक देंगे. हमारे साथ निष्ठा है.
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उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना के लोगों को डराया धमकाया जा रहा है. जो इंदिरा गांधी ने नहीं किया वो आज शुरू है. उस समय कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन कांग्रेस ने कभी शिवसेना पर रोक नहीं लगाई, वो आप कर रहे हैं. हमे बड़ा भाषण नहीं करना है. मुझे पिता और दादा ने समझाया है, हमारा आत्मविश्वास कायम है. अगर तुम्हारी बुद्धि खत्म नहीं है तो बिना बाल ठाकरे का नाम इस्तेमाल किए लोगों के बीच जाओ.
उद्धव ने आगे कहा कि कुछ समय तक शिवसेना के नाम या चिह्न पर स्टे लगा है. हमें विश्वास है कि चुनाव आयोग के आदेश के बाद हमने तीन चिह्न दिए हैं. पहला- त्रिशूल, दूसरा- उगते सूरज, और तीसरा- धधकती मशाल. साथ ही हमने चुनाव आयोग को पार्टी के तीन संभावित नाम शिवसेना बालासाहेब ठाकरे, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना बालासाहेब प्रबोधंकर ठाकरे भी दिए हैं.
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उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को गुजारिश है कि जल्दी चुनाव चिह्न और नाम दे. हमें अंधेरी उपचुनाव में जाना है. जनता के बीच जाना है. हमें लड़ाई जीतनी है, इसलिए दिन रात जागते रहो.
Source : News Nation Bureau