महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. चुनाव परिणामों में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी को करारी हार मिली है. महायुति गठबंधन ने बंपर सीटें जीती हैं. चुनाव में करारी हार मिलने के बाद से विपक्षी महाविकास अघाड़ी में दरार पड़ गई है. उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद से कांग्रेस अति आत्मविश्वासी हो गई है. वह अब अपने सहयोगी दल शिवसेना और शरद पवार वाली एनसीपी को महत्व नहीं दे रही है.
288 में से सिर्फ 46 सीटें ही जीत पाया गठबंधन
20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में महाविकास अघाड़ी 288 सीटों में से महज 46 सीटें ही जीत पाया. शिवसेना को चुनाव में 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी को 10 ही सीटें मिल पाई. हालांकि, विपक्षी गठबंधन ने लोकसभा चुनावों में जबरदस्त प्रदर्शन किया था. महाविकास अघाड़ी ने 48 में से 30 सीटें जीती हैं.
कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंस की वजह से गिरी
दानवे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद से अति आत्मविश्वास में आ गई है. जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए अच्छी स्थिति थी. झारखंड में जेएमएम ने अपनी ताकत पर काम किया. कांग्रेस ने हरियाणा में भी अपनी बढ़त गंवा दी है. भाजपा को इसी वजह से वहां लगातार तीन बार जीत मिली. वह भी तब, जब भाजपा 10 साल से सत्ता विरोधी लहर झेल रही है.
कांग्रेस अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई
महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा कि कांग्रेस उन सीटों पर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई, जहां उन्होंने शिवसेना और एनसीपी को नजरअंदाज किया. हम लोग आखिरी दिन तक तय कर रहे थे कि हमें कहां-कहां चुनाव लड़ना है. इसका असर हमें दिखाई दिया है. कांग्रेस ने जिन सीटों के लिए कहा कि हमने सर्वे कराया है और हम यहां जरुर जीतेंगे, वहां-वहां कांग्रेस अपनी जमानत नहीं बचा पाई थी.
नतीजों से पहले ही मंत्रालयों का बटवारा करने लगी
कांग्रेस नेता नतीजे आने से पहले ही कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए सूट सिल रहे थे. कांग्रेस चुनाव जीतने से पहले ही मंत्रालयों के बारे में विचार-विमर्श करने लगी थी. उनके 10 नेता मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार थे.