शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एक मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर आंसू बहाने की कोई जरूरत नहीं है और इस पर आश्चर्य जताया कि पुलिस की कार्रवाई पर क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं. कुख्यात अपराधी एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.
पुलिस के अनुसार, उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलट जाने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया. राउत ने पीटीआई-भाषा से कहा कि दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी. वर्दी पर हमला करने का मतलब है कि कोई कानून और व्यवस्था नहीं है. राज्य पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई करना आवश्यक है, चाहे वह महाराष्ट्र हो या उत्तर प्रदेश.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि एक मुठभेड़ में दुबे के मारे जाने पर आंसू बहाने की कोई जरूरत नहीं है. पुलिस कार्रवाई पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को बृहस्पतिवार सुबह उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाहर गिरफ्तार किया था और देर शाम उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया था. विपक्षी दलों ने हालांकि मुठभेड़ को लेकर उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार पर निशाना साधा.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने पुलिस मुठभेड़ के साथ ही उस हमले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की, जिसमें गत सप्ताह आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ‘‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?.
Source : Bhasha