शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने रविवार को दावा किया कि सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput Case) में सुशांत की मौत के मामले में दबाव की तरकीब का इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही, महाराष्ट्र के खिलाफ साजिश के तहत इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है. राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ रोखठोक में कहा कि अभिनेता की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखना गलत है. सुशांत का शव 14 जून को उपनगरीय बांद्रा स्थित उनके अपार्टमेंट में फंदे से लटका हुआ मिला था. सीबीआई ने पटना पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर हाल ही में इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. बिहार सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इस प्राथमिकी में सुशांत की महिला मित्र एवं अदाकारा रिया चक्रवर्ती पर कथित आपराधिक साजिश रचने और अभिनेता को आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाया गया है.
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, यदि कोई व्यक्ति राजनीतिकरण और दबाव की तरकीब का इस्तेमाल करना चाहता है, तो हमारे देश में कुछ भी हो सकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि सुशांत प्रकरण की पटकथा पहले से लिखी गई थी. परदे के पीछे जो कुछ हुआ है, वह महाराष्ट्र के खिलाफ साजिश है. उन्होंने कहा कि जब एक घटना को राजनीतिक रंग देने का निर्णय कर लिया गया, तो कोई भी यह नहीं कह सकता कि यह किस हद तक जाएगा और राजपूत की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या मामले में यही हो रहा है. राउत ने कहा कि बिहार सरकार की राजनीतिक, फिल्म और व्यापारिक हस्तियों के साथ कथित संलिप्तता है और उसने दावा किया कि मुंबई पुलिस मामले की उचित जांच नहीं करेगी. उन्होंने इसे एक राज्य की स्वायत्तता पर सीधा हमला करार देते हुए कहा, उस सरकार ने सीबीआई जांच की मांग की, जिसे 24 घंटे के अंदर स्वीकार कर लिया गया.
केंद्र ने जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय किया
सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि केंद्र ने जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय किया है. राज्यसभा सदस्य ने मुंबई पुलिस को विश्व की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी और पेशेवर बल बताते हुए कहा, इसने शीना बोरा हत्या मामले की जांच की, जिसमें कुछ बड़े नाम शामिल थे और सभी जेल भेजे गये . मुंबई पुलिस ने 26/11 मुंबई हमलों की जांच की, जिसके परिणामस्वरूप अजमल कसाब को फांसी हुई. उन्होंने कहा कि सुशांत के मामले में केंद्र का हस्तक्षेप मुंबई पुलिस का अपमान है. उन्होंने दावा किया, सीबीआई एक केंद्रीय एजेंसी हो सकती है लेकिन यह स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है.
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मोदी और शाह भी ईडी और सीबीआई पर सवाल उठा चुके हैंः राउत
राउत ने कहा, यहां तक कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने शुरूआत में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई पर सवाल उठाये थे. उन्होंने कहा था कि गोधरा दंगों का मामला सीबीआई को नहीं सौंपा जाना चाहिए क्योंकि यह केंद्र में सत्तारूढ़ लोगों के हाथों में एक राजनीतिक हथियार है. यदि यही विचार अभी प्रकट किया जाता है तो उसमें गलत क्या है. उन्होंने कहा, प्रथम दृष्टया सुशांत प्रकरण आत्महत्या है. बार-बार यह आरोप लगाने का कोई आधार नहीं है कि उनकी हत्या हुई है. राउत ने आरोप लगाया कि चूंकि भाजपा उद्धव ठाकरे नीत सरकार को अपदस्थ नहीं कर पा रही है, इसलिए उसने न्यूज चैनलों के माध्यम से उसकी छवि धूमिल करने का निर्णय किया.
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मुख्यमंत्री कोई व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था हैः राउत
उन्होंने राकांपा प्रमुख को उद्धृत करते हुए कहा, शरद पवार ने मुझे उस वक्त फोन किया जब उन्होंने देखा कि एक न्यूज चैनल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फर्स्ट पर्सन में जिक्र कर रहा था. मुख्यमंत्री कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था है. सरकार क्या कर रही है? उन्होंने दावा किया कि एक चैनल को बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय का महाराष्ट्र के खिलाफ साक्षात्कार दिया जाना पुलिस अनुशासन का उल्लंघन है. उन्होंने दावा किया कि पांडेय बिहार के बक्सर से 2009 का विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन जब वहां से भाजपा उम्मीदवार ने उनके खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने की धमकी दी तो उनकी योजना नाकाम हो गई थी. उन्होंने दावा किया, यह कहा जा रहा है कि पांडेय अब शाहपुर सीट से बिहार चुनाव लड़ सकते हैं.
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‘जीरो एफआईआर’ दर्ज कर सुशांत प्रकरण की जांच जारी रखेंः राउत
राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस को ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज करनी चाहिए और सुशांत प्रकरण की जांच जारी रखनी चाहिए. भाजपा ने महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के एक युवा मंत्री को इससे जोड़ कर घटना को सनसनीखेज बना दिया. दो अंग्रेजी न्यूज चैनलों ने मुख्यमंत्री को चुनौती देनी शुरू की और पुलिस को भ्रमित कर दिया. उन्होंने कहा कि सुशांत की मौत से पहले अभिनेता डिनो मोरिया के घर पर कथित तौर पर हुई एक पार्टी को इस मामले से जोड़ा जा रहा. मोरिया और अन्य लोग आदित्य ठाकरे के मित्र हैं और यदि इस दोस्ती की वजह से ठाकरे को निशाना बनाया जा रहा, तो यह गलत है. राउत ने दावा किया कि सुशांत के अपने पिता से मधुर संबंध नहीं थे. उन्होंने दावा किया, उनके पिता की दूसरी शादी उन्हें (सुशांत को) स्वीकार्य नहीं थी.