महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बात बन गई है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेता कल राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. जानकारी के मुताबिक पहली बार एक साथ तीनो पार्टी के नेता राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. राज्यपाल से दोपहर तीन बजे का समय मांगा गया है. वहीं महाराष्ट्र को लेकर सोनिया गांधी के घर पर चल रही चल रही बैठक खत्म हो गई है. बैठक में अहमद पटेल, के सी वेणुगोपाल, ए के एंटनी, मुकुल वासनिक मौजूद थे. 17 नवंबर को सोनिया गांधी और शरद पवार की मुलाकात दिल्ली में होगी. बता दें कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में लंबे चले सियासी ड्रामे के बीच शिवसेना (Shiv Sena) के लिए अच्छी खबर आ रही है. उसकी मन मांगी मुराद पूरी होने जा रही है.
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शिवसेना की इस फॉर्मूले पर एनसीपी और कांग्रेस के साथ बनी बात
एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के साथ शिवसेना की बातचीत में जो फार्मूला अभी तय हुआ है, उसके अनुसार महाराष्ट्र में पूरे पांच साल के लिए शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा. एनसीपी और कांग्रेस की ओर से दो डिप्टी सीएम (Deputy Chief Minister) होंगे. सूत्रों की ओर से जो खबर आई है, उसके अनुसार, शिवसेना और एनसीपी के बराबर-बराबर 14-14 तो कांग्रेस के 12 विधायकों को मंत्री पद का ओहदा दिया जाएगा. तीनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बन गई है. तय फॉर्मूले के अनुसार, महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय (Home Ministry) शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को मिलेगा तो विधानसभा अध्यक्ष कांगेस के होंगे.
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दो दिनों से चल रही बैठक के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बताया कि तीनों पार्टियों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई और एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया. ड्राफ्ट को तीनों पार्टियों के हाईकमान को भेजा गया है, जिसके बाद अंतिम फैसला होगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तीनों पार्टियों में न्यूनतम साझा कार्यक्रम (Common Minimum Program) को लेकर सहमति बन गई है. अब तक जिन मुद्दों पर सहमति की जानकारी मिली है, उनमें किसान कर्जमाफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं.
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हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा है, लेकिन इसकी उम्मीद कम है कि आदित्य ठाकरे के नाम पर एनसीपी और कांग्रेस राजी हो जाएं. इस कारण हो सकता है कि शिवसेना को उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना पड़े. इससे पहले एनसीपी की ओर से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की मांग की गई थी.